गुरबाणी कहती है “विच दुनिया सेव कमाईए ता दरगह बैसन पाईए”
इन्हीं पंक्तियों पर चलते हुए सरदार हरजीत सिंह जी और उनके साथी पिछले कई वर्षों से दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में फ्री लंगर सेवा का कार्य कर रहे हैं मरीजों को दवा तो इन अस्पतालों से मिल जाती है पर रोटी नहीं कहते हैं भुखे पेट दवा भी काम नहीं करती बस इसी कमी को पूरा करने की कोशिश इनकी टीम द्वारा की जाती है यह लोग पूरे दिल एंव श्रद्धा भाव के साथ संगतो को भोजन छकाने का काम करते हैं यह सारा लंगर सरदार हरजीत सिंह जी की देख रेख में उनके घर पर ही तैयार किया जाता है जिसमें स्वच्छता एवं गुरु घर की मर्यादा का पूरा ख्याल रखा जाता है।
परमात्मा इनको इस नेक मकसद में सदैव कामयाबी बख्शे बस यही हमारी उस वाहिगुरू से अरदास है जी