कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे राम का नाम यह डुबोए फिर भी यह गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे पाप के पैसों से रंग रलिया मनाए फिर भी यह गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे अपने ही अंधे भक्तों का शोषण करते फिर भी यह गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे बड़े बड़े डेरे बनाए उनकी आढ़ में गलत धंधे चलाए फिर भी यह गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे रावण के है पूत बंधु रे पीते रोज मूत बंधु रे फिर भी यह गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे योग की आढ़ में भोग कराए फिर भी यह गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे गुंडो संग यारी लगाएँ कानून को ठेंगा यह दिखाए फिर भी गुणवंत बंधु रे
कैसे कैसे संत बंधु रे कहलाते महंत बंधु रे नेताओ के प्रियवन्त बंधु रे तभी तो गुणवंत बंधु रे