जिंदगी एक पाठशाला है यहां हर रोज एक नया सबक मिलता है!और कभी-कभी तो इम्तिहानो से भी गुजरना पड़ता है वक्त कभी कुछ उधार नहीं रखता,इज्जत, खुश, नफरत, वफा, सब दुगुना कर लौटा देता है इसलिये व्यवहार करते समय सावधान रहें!
अपनी गलती, अपना झूठ, अपने दोष छिपाने के लिये इन्सान काे तरह तरह की माया, प्रपंच और हथकंडे अपनाने पडते है, अपनों को ही छलने के लिये । पर आत्मवंचना और आत्मछलना से कैसे बच पायेगा ?
जो धन आपने कमाया उसे आप भोग पाओ या न भोग पाओ , लेकिन उस धन को कमाने के चक्कर में जो कर्म किये है,उन्हें तो भोगना ही पड़ेगा l