जीवन की समस्याएं चाहे पर्वत जितनी बड़ी ही क्यों न हो मगर पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ यदि उस प्रभु की शरण ग्रहण की जाती है तो आपकी वह समस्या वह प्रभु अपने बायें हाथ की छोटी ऊँगली पर भी बड़ी सहजता से उठा लेते हैं।
11 जनवरी 2022
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जीवन की समस्याएं चाहे पर्वत जितनी बड़ी ही क्यों न हो मगर पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ यदि उस प्रभु की शरण ग्रहण की जाती है तो आपकी वह समस्या वह प्रभु अपने बायें हाथ की छोटी ऊँगली पर भी बड़ी सहजता से उठा लेते हैं।
जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में उस प्रभु की याद बनी रहे ऐसा अभ्यास बनाना चाहिए। आपकी कोई समस्या आपके लिए बहुत बड़ी हो सकती है मगर उस प्रभु के लिए वह बहुत - बहुत छोटी और नगण्य के बराबर ही है।
प्रभु तो शरणागत वत्सल हैं। प्रणतपाल हैं। जब सच्चे हृदय से पूर्ण विश्वास के साथ उस प्रभु की शरणागति जीवन में आ जाती है, तो फिर हमारे जीवन की समस्याओं का पहाड़ उस प्रभु द्वारा अवश्य उठा लिया जाता है।
हमें भी ब्रजवासी जनों की तरह जीवन की प्रत्येक समस्या के पूर्ण समाधान के लिए केवल प्रभु शरणागत ही होना चाहिए।