*जो इंसान दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी का एहसास करता हो वो कभी दुःखी हो ही नहीं सकता । वास्तव में हमारे दुःख का कारण ही दूसरों की ख़ुशी ही* *होती है
3 जनवरी 2022
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*जो इंसान दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी का एहसास करता हो वो कभी दुःखी हो ही नहीं सकता । वास्तव में हमारे दुःख का कारण ही दूसरों की ख़ुशी ही* *होती है । अक्सर हम अपने दुःख से नहीं बल्कि दूसरे की ख़ुशी से दुःखी रहते हैं । वास्तव में हम अपनी तुलना* *हमेशा अपने से बड़ों से करते रहते हैं इसलिए हम हमेशा दुःखी रहते हैं किंतु जो अपने से छोटे से अपनी तुलना करते हैं तो वो सुखी* *रहते हैं । मालिक ने जो दिया है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए