*याद रखो--- संसार में ऐसा कोई नहीं, जिसमें दोष न हो,, अथवा जिससे कभी गलती न होती हो, अतः किसी की गलती देखकर जलो मत और न उसका बुरा चाहो।*
*याद रखो--- जिसका जीवन (आचरण) सुंदर है, शुभ है,, वही वास्तव में सुंदर है-- परंतु जिसकी केवल बातें ही सुंदर हैं, जीवन (आचरण) कलुषित है,, वह पूरा कलंकी है,, उसके सुंदर बातें वैसी ही हैं,, जैसे--- जहर से भरे घड़े के ऊपर दूध--- अथवा मल से भरा हुआ चमकीला मटका।*
*याद रखो--- चुपचाप दैवी गुणों की संपत्ति कमाने में लगे रहो,,, न तो ढिंढोरा पीटो,,, और न केवल बात बनाने में ही जीवन बिताओ, बात बनाने वाले कहीं के नहीं रहते।*