*"वास्तविक "शिक्षा" वह है,? जो आपके जीवन का निर्माण करती है, आपको एक इन्सान बनाती है, आपके चरित्र का निर्माण करती है, और आपके विचारों में "सामञ्जस्य" बिठाती है,*
*"सब लोग जीवन में सुख शांति चाहते हैं, और वह भी शॉर्टकट में, ज्यादा मेहनत न करनी पड़े, परंतु ऐसा होता नहीं है, कि यह संभव हो पाएगा,?*
*क्युं कि "संघर्ष" ही जीवन है. जब जिम्मेदारियां बढ़ने लगीं,? तो गंभीरता से सोचना पड़ा, कि इस जीवन को किस दिशा में ले जाना है, ? अपना भविष्य किस दिशा में बनाना है,? जो व्यक्ति "बुद्धिमत्ता" से,"ईमानदारी" से और "परिश्रम" से काम करता है, उसे यह समझ में आने लगता है, कि जीवन एक संघर्ष ही है...*
*"ईश्वर की कृपा से, और बड़ों के आशीर्वाद से, एवं स्वयं पूर्ण पुरुषार्थ करने से बहुत अच्छी उपलब्धियां प्राप्त हुईं, इसके लिए हम ईश्वर का, अपने माता- पिता और सभी गुरुजनों का, एवं देश दुनियां के उन सब लोगों का हृदय से आभारी होना चाहिए, जिनके सहयोग से हम अपने जीवन में कुछ उन्नति कर पाये है, "जीवन" में कठिनाइयाॅं पहले भी थीं, और आगे भी आती रहेंगी, इनसे बचने का कोई शॉर्टकट नहीं है, अर्थात मुफ्त में या बिना पुरुषार्थ किए, इन समस्याओं से नहीं छूट पाएंगे, झूठे पाखंडी लोगों के बहकावे में आने से बचें, और समस्याओं को सुलझाने का बुद्धिपूर्वक पूर्ण पुरुषार्थ करें, ईश्वर और समाज के बुद्धिमान लोग आपको अवश्य ही सहयोग देंगे, और आप की समस्याएं तभी हल हो पाएंगी, सुखी जीवन जीने का यही रहस्य है...*