*स्वयं को टटोलिये ••• कभी जरा फुर्सत*
*के समय में अपने आप को टटोलिये .......*
*अपने आप से पूछिये की आज दिनभर में*
*मैंने क्या किया ? तो अंदाज लगेगा----*
*आज मैंने अधिकांश समय व्यर्थ की बातों*
*में खो दिया !*
*किसी से ईर्ष्या......किसी से गुस्सा ......*
*किसी से छल कपट.....*
*किसी से प्रपंच ......*
*कहीं झूठी चापलूसी ......*
*कहीं बेवजह दखलंदाजी .....*
*बस इसी चक्कर में अपने आप को उलझाये*
*रखा ! पर तनिक अपनी ओर देखा तक नहीं !*
*बस•• औरों की गल्तियां देखने में .......*
*उन्हें ढूंढने और उन्हें सुधारने की नाकाम*
*कोशिश में ही दिन पूरा कर दिया पर कभी सोचा....*
*की इन सब बातों से स्वयं का क्या हित है ?*