*जीवन को सुखी बनाने के लिए अनेक गुणों की आवश्यकता होती है। सेवा प्रेम नम्रता दया सहानुभूति समर्पण इत्यादि ।*
4 जनवरी 2022
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*जीवन को सुखी बनाने के लिए अनेक गुणों की आवश्यकता होती है। सेवा प्रेम नम्रता दया सहानुभूति समर्पण इत्यादि ।*
*परंतु एक दोष ऐसा है, जिसका नाम "अभिमान" है । यह इन सब गुणों का विनाश कर देता है। परिणाम यह होता है, कि अभिमानी व्यक्ति किसी के साथ भी मिलकर नहीं रह पाता । जीवन का आनंद नहीं भोग पाता । सदा अभिमान के नशे में चूर रहता है । अपना तथा दूसरों का तनाव बढ़ाता है।*
*कितना अच्छा होता, यदि लोग अभिमान को छोड़कर नम्रता और प्रेम से रहते , तथा परस्पर एक दूसरे की सुख समृद्धि को बढ़ाते । ईश्वर सबको सद्बुद्धि दें, कि लोग अभिमान को छोड़कर नम्रता से जीवन जिएं तथा आनंदित रहें।*