*कोई लाख अपने गुनाह छिपाये। उस रब से कुछ नही!*
*छिपा सकते।*
जब उसकी मार पडती है तब
अच्छे - अच्छे की अक्ल ठिकाने लग जाती
है।
तब उसके गुनाह याद आने लग जाते हैं कि मैने किसके साथ क्या
किया। इसलिये हमेशा एक बात याद रखिये *जो करेगा वो भरेगा*। हम
सब उस कुलमालिक की शरण में हैं, जब हम ईश्वर
की शरण में हैं, जब हम ईश्वर को मानते हैं तो सब
कुछ उस परमपिता परमात्मा पर छोड देना चाहिए। यदि कोईअपने
आपको ईश्वर से बढकर समझता हो और दुसरो की
बेइज्जती करता हो या अपनी मान-बडाई या
अहंकारवश दूसरो का अपमान करता हो। उसे उसके किये
की सजा एक न एक दिन अवश्य मिलेगी।
कुदरत किसी के साथ नाइंसाफी
नहीं करती।
*जो बोया है वही सामने आएगा*।
हां देर जरुर हो
सकती है, अंधेर नहीं।
*करम जो जो करेगा तू,वही फिर भोगना..!!*