*दो बोल प्यार के*
*भी क्या कमाल दिखाते हैं*
*लगते हैं दिल पर*
*और चेहरे खिल जाते हैं*
*जिंदगी में अपनेपन और*
*एहसासों का बड़ा काम होता है*
*दूसरों के गमो को जो*
*अपनाता है वही इंसान होता है*
*न जाने कब कोई अँधेरे मे*
*चिराग बनकर राह दिखा दे क्योंकि*
*मुसीबत मैं जो साथ होता है*
*वही तो भगवान होता है*
*फर्क सिर्फ सोच का होता हैं..*
*सकारात्मक या नकारात्मक*
*वरना सीढियां वही होती है*
*जो किसी के लिए ऊपर जाती हैं,*
*और किसी के लिए नीचे आती हैं*
*"भिक्षा पात्र" तो भरा जा सकता है*
*परंतु "इच्छा पात्र"*
*कभी नहीं भरा जा सकता*
*संतोष में ही परम सुख है*