हमारे मन में दूसरों के प्रति गुस्से असंतोष ,भय,शक शत्रुता ईष्या जैसी नकारात्मक भावनाएं इसलिए आती है कि हमने जीवन की भाग दौड़ में माफ करने की ताकत गवा दी है।*
12 जनवरी 2022
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*हमारे मन में दूसरों के प्रति गुस्से असंतोष ,भय,शक शत्रुता ईष्या जैसी नकारात्मक भावनाएं इसलिए आती है कि हमने जीवन की भाग दौड़ में माफ करने की ताकत गवा दी है।*
*इसलिए जीवन में लोगों को माफ करने की आदत बनाएं। ऐसा करके हम सकारात्मक आशावादी उल्लास परिपूर्ण व्यक्ति बन जाएंगे। *सदैव यह ध्यान रखें की जिसकी अपने प्रति धारणा ऊंची है, जिसके अन्दर आत्मविश्वास की सीमा नहीं है वह जीवन में सदैव सफलता प्राप्त करता है।*
*इसलिए ध्यान रखें जीवन में माफ करने की ताकत को अपने शरीर में पैदा करें और अन्य लोगों के प्रति असंतोष भाव को त्याग करके संतोष पूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें विश्वास को बढ़ाएं।*
*!!!...गलत लोगो की जीत उसी वक्त तय हो जाती है, जब सही लोग चुप हो जाते है...!!!*