संसार में अनेक समस्याएं हैं उनमें से सबसे बड़ी समस्या है कि मन नियंत्रण में नहीं रहता.
प्रायः सभी लोग यह शिकायत करते हैं कि, क्या करें, यह मन बड़ा चंचल है, हमको भटकाता रहता है।
इस प्रकार से लोग सुबह से रात तक सारा दिन इस मन से परेशान रहते हैं। परंतु सत्य तो यह है कि इसमें उन लोगों की अपनी ही अविद्या कारण है। वे मन के बारे में ठीक से जानते नहीं , इसलिए मन से परेशान रहते हैं। जैसे कोई व्यक्ति नया नया कार चलाना सीख रहा हो, तब कार उसके नियंत्रण में नहीं रहती और वह कष्ट का अनुभव करता है। परंतु कार चलाना सीख लेने पर, तथा 6 माह या 1 वर्ष अभ्यास कर लेने के बाद फिर उसे कार चलाना कष्टदायक नहीं लगता। तब वह इस बात को समझ जाता है कि कार जड़ पदार्थ है, मैं इसे जैसा चलाऊंगा, यह वैसे चलेगी ठीक यही नियम मन पर भी लागू होता है।मन भी कार की तरह से जड़ पदार्थ है. लोग मन को चलाना नहीं जानते, रोकना नहीं जानते, मोड़ना नहीं जानते, इसलिए मन से परेशान रहते हैं।
जब व्यक्ति कार पर नियंत्रण करना सीख लेता है, तो वह कार उसके लिए बहुत सुखदायक होती है। इसी प्रकार से जो व्यक्ति मन का नियंत्रण करना सीख लेता है, तो मन भी उसके लिए बहुत अधिक सुखदायक होता है। वह अपनी इच्छा अनुसार मन से जो चाहे वही कार्य लेता है, और सदा आनंद में रहता है।
आप भी मन का संचालन करना सीखें और उसका अभ्यास करें । आप भी निश्चित रूप से सुखी हो जाएंगे।