जीवन में भगवद्प्राप्ति प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। जो लक्ष्य बनाये बिना ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं
14 मार्च 2022
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जीवन में भगवद्प्राप्ति प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। जो लक्ष्य बनाये बिना ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जीवन तो जा रहा है और मौत भी आयेगी ही, इसलिये जीवन का लक्ष्य पहले ही बना लेना चाहिये।
लक्ष्य बनने पर बहुत लाभ होता है। अगर लक्ष्य बन गया तो वह खाली नहीं जायगा, कमी रह जायगी तो योगभ्रष्ट हो जाओगे पर भगवत प्राप्ति अवश्य होगी। लक्ष्य बनने पर हमारा साधन उद्देश्य को सुनिश्चित करने के लिए होता है।
समय बर्बाद नहीं होता, सार्थक होता है। वृत्तियाँ स्वाभाविक ठीक हो जाती हैं। अवगुण स्वतः दूर होते हैं। संसार का खिंचाव कम होता है। आस्तिक भाव बढ़ता है। अगर जीवन में यह परिवर्तन दीख नहीं पड़ रहा है तो लक्ष्य नहीं बना है, साधन हाथ नहीं लगा है, साधु, गुरु, शास्त्र का संग नहीं मिला हैं।