कांजी बड़ा बहुत स्वादिष्ट पेय है, यह पेय पाचन में भी सहायक है. त्योहारों पर मिठाइयां खा कर अगर ऎसा महसूस हो कि अब कुछ खाने को मन नहीं कर रहा और उस समय कांजी पीने को मिल जाय तो कांजी का स्वाद तो अच्छा लगता है, थोड़ी देर बाद कुछ और खाने की इच्छा भी होने लगती है. वैसे तो कांजी कभी भी बनाई जा सकती है, लेकिन त्योहारों पर कांजी बनायें तो बहुत अच्छा लगेगा. आइये शुरू करे कांजी बड़ा बनाना.
आवश्यक सामग्री
पानी - 2 लीटर (10 गिलास)
नमक- 2 छोटी चम्मच
सरसों का तेल- 2 टेबल स्पून
हींग – ¼ छोटी चम्मच से आधी
हल्दी पाउडर- 1 छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1/2 छोटी चम्मच
पीली या काली सरसों - 2 छोटी चम्मच (दरदरी पिसी हुई)
नमक - 2 छोटी चम्मच
बड़े के लिए
मूंग की दाल – आधा कप
नमक - 1/4 छोटी चम्मच या स्वादानुसार
तेल- तलने के लिए
*विधि*-
कांजी बनाइए
किसी बर्तन में पानी डालकर उबाल आने तक गरम कर लीजिए. फिर, पानी को ठंडा कीजिए. (आरो वाटर हो तो पानी को उबालने की आवश्यकता नहीं है).
एक कांच या प्लास्टिक का कन्टेनर लीजिए. इसे अच्छे से गरम पानी से धोकर धूप में सुखा लीजिए. फिर, इस साफ और सूखे कन्टेनर में सारे मसाले- नमक, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हींग, पीली सरसों और तेल डाल दीजिए. इन मसालों में उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डालकर रख दीजिए.
कन्टेनर का ढक्कन बन्द करके 3 दिन तक के लिए रख दीजिए. रोजाना 1 बार सूखे और साफ चमचे से चलाना मत भूलिए. तीसरे दिन कांजी को चखिए, कांजी हल्की हल्की खट्टी हो जाती है, हल्की खट्टी कांजी आप पीना चाहें तो पी सकते हैं. चौथे दिन आप पानी को टेस्ट करेंगे तो पानी का स्वाद एकदम अच्छा खट्टा और बड़ा ही स्वादिष्ट हो गया है, यानी आपकी कांजी तैयार हो गई है.
*बड़े बनाइए*
मूंग की दाल को अच्छे से पानी से धोकर साफ करके 2 घंटे के लिए भिगो दीजिए. बाद में, इसमें से अतिरिक्त पानी निकाल दीजिए और दाल को मिक्सी में डालकर हल्का दरदरा पीस लीजिए. पिसी हुई दाल में नमक डालकर अच्छे से फूलने तक फैंट लीजिए.
*बड़े तलिए*
कढ़ाही में तेल डालकर गरम कीजिए. गरम तेल में एक वड़ा डालकर तेल चैक कीजिए कि सही गरम है या नही. वड़ा फूलकर ऊपर आ रहा है, तो तेल पर्याप्त गरम है. गरम तेल में हाथ से छोटे-छोटे वड़े तोड़कर डाल दीजिए. वड़ों को पलट-पलट कर हल्का ब्राउन होने तक तल लीजिए.
फ्राइड वड़ों को प्लेट में निकाल लीजिए. कांजी सर्व करने से आधा घंटे पहले इन वड़ों को थोड़े गरम पानी में डालकर भिगो दीजिए.
आधे घंटे बाद, गिलास में कांजी डालिए और 4 से 5 वड़े डाल दीजिए. स्वादिष्ट कांजी वड़ा तैयार है. खट्टे-खट्टे कांजी वड़ा को ऎसे ही सर्व कीजिए और चटखारे लेते हुए खाइए.
सूखे वड़े 3 दिनों तक फ्रिज में रख सकते हैं और जब भी कांजी सर्व करनी हो, तभी ऊपर दिए गए तरीके से सर्व करिए.
सुझाव
अगर आप वड़े नहीं बना सके हैं, तो कांजी के गिलास में रायते वाली बूंदी डालकर भी सर्व कर सकते है.
पीली या काली सरसों उपलब्ध न हो तो राई का भी उपयोग किया जा सकता है.