भारत कृषि प्रधान देश है हमलोगों ने बचपन से अब तक पढ़ा और सुना है जो हक़ीक़त भी है! कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रहा है और अब भी है।जिस देश में 57% आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पे निर्भर हो उस देश में किसानों का किया हाल है. वो जग ज़ाहिर है क्योंकि उनके साथ ना मीडिया है ना सरकार औ
माननीय उच्चतम न्यायालय के आए निर्णय ने एक बार फिर उच्चतम न्यायालय के निर्णयों पर प्रश्नवाचक चिन्ह उठा दिया है। उच्चतम न्यायालय ने अपने इस निर्णय द्वारा विभिन्न धार्मिक आयोजनों के अवसरों पर पटाखे जलाने की समयावधि, गुणवक्ता की डेसीबल व मात्रा तय की है। आखिर उच्चतम न्यायालय को आज कल हो क्या गया है? मू
"झिनकू भैया के प्रपंची आँसू" एक आँख से विनाशक बाढ़ व दूसरी आँख से फसलों को सुखाने वाला हृदय विदारक सूखा देखकर झिनकू भैया की आँखे पसीजने लगी जो चौतरफा दृश्य परिवर्तन के तांडव को देखकर छल-छल बहने की आदी तो हो ही गई है, अब तो उसे जीना और पीना भी है। बड़े ही भावुक और चिंतनशील आदमी हैं झिनकू भैया, जब धारा
संत महात्माओं के हाथो संजय अमान की पुस्तक ''प्रेरणा '' का विमोचन समरोह सम्पन्न मुंबई - पवार पब्लिशर कोलकाता द्वारा प्रकाशित , कवि ,पत्रकार , संजय अमान की लिखी तीसरी पुस्तक ''प्रेरणा '' का विमोचन समारोह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सभागार में दिनाँक ३० सितम्बर को संपन्न हुआ। यह पुस्तक मुम्बई महानगर के
सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे: अगर आप एक स्वस्थ और सेहतमंद शरीर के मालिक बनना चाहते है तो सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे जरूर जान लीजिए। बादाम एक ऐसा मेवा है जो हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। हमारे बड़े बुजुर्ग अक्सर हमे बादाम भिगोकर खाने की सलाह दिया करते थे क्योंकि वे जानते है सुबह
अपनों से दो शब्द“जब अनैतिक शक्ति संस्था-प्रधान के सिंहासन में पदास्थापित हो जाती है तोव्यवस्थाएँ तो चरमराती ही हैं, नैतिक शक्ति को अवसर भी नहीं मिलता और इसकानंगा-नृत्य स
दोस्ती बचपन की यादों का अटूट बंधन बिना लेनदेन के चलने वाला खूबसूरत रिश्तों का अद्वितीय बंधन एक ढर्रे पर चलने वाली जिंदगी में नई नई सोच से रूबरू करवाया अर्थ हीन जीवन को अर्थपूर्ण बनाया जीने का एक अलग अंदाज सिखाया निराशा में राहत, कठिनाई में पथप्रदर्शक बन सफलता का सच्चा रास्ता दिखाया ऐसे थे और हैं मे
पदांत- नहीं, समांत-अहरी,मापनी-2122 2122 2122 12“गीतिका” आप के दरबार में आशांति ठहरी नहीं दिख रहा है ढंग कापल प्रखर प्रहरी नहींझूलती हैं देख कैसेद्वार तेरे मकड़ियाँ रोशनी आने न देतीझिल्लियाँ गहरी नहीं॥ वो रहा फ़ानूष लटकाझूलता बे-बंद का लग रहा शृंगार सेभी रेशमा लहरी नहीं॥गुंबजों का रंगउतरा जा रहा बरसात
pet aur kamar ki charbi kam karne ke upay: अगर आप मोटी तोंद के कारण परेशान रहते है और जल्दी मोटापा कम करने के उपाय ढूंढ रहे है तो इस लेख में आपको इस समस्या का समाधान अवश्य मिलेगा।आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी और अनियमित दिनचार्य की वजह से हर उम्र के लोगो मे मोटापे की समस्या देखी जा रही है। अगर आप जल्द
सादर नमस्कार , न जाने क्योंमेरे ह्रदय में यह सोचकर पीड़ा होती है कि कि आज कल क्यों हम भारतीय अपनी मात्र भाषा को भूलते जा रहे हैं| क्यों हम केवल और केवल अंग्रेजी पर ध्यान दे रहे हैं हम यह
वीर सावरकर --हिंदुत्व के अनुपम व्याख्याकारभूमिका:--हमारा देश जो आर्यों की मूल भूमि हैं जहाँ से मानव जीवन की सभ्यता का आरंभ होता हैं ,ऐसे महान देश के प्रति जब हमारा सर गर्व से ऊँचा उठता है तभी इस देश के लिए न्यौछावर करने वाले देश के विभिन्न क्रांतिकारियो के प्रति हमारा सिर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित
"दोहा"इंसानों के महल में पलती ललक अनेक।खिले जहाँ इंसानियत उगता वहीँ विवेक।।जैसी मन की भावना वैसा उभरा चित्र।सुंदर छाया दे गया खिला साहसी मित्र।।अटल दिखी इंसानियत सुंदर मन व्यवहार।जीत लिया कवि ने जगत श्रद्धा सुमन अपार।।महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूपए की कीमत 70 रुपये पहुँच गयी जो अब तक के सबसे निचले स्तर पर है | सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए में 1.08 रुपये या 1.57 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 69.9 1 पहुँच गया था |
रामू की माँ तो अपने पति के शव पर पछाड़ खाकर गिरी जा रही थी.रामू कभी अपने छोटे भाई बहिन को संभाल रहा था ,तो कभी अपनी माँ को.अचानक पिता के चले जाने से उसके कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा था.पढ़ाई छोड़,घर में चूल्हा जलाने के वास्ते रामू काम की तलाश में सड़को की छान मारता।अंततःउसने घर-घर जाकर रद्दी बेच
विगत एक हफ्ते के भीतर देश की राजधानी दिल्ली के पास एनसीआर में नवनिर्मित या निर्माणाधीन या पुरानी बिंल्डिग अचानक ढ़ह जाने की लगातार चार घटनाएँ हो गई जिस कारणं सम्पत्ति के अलावा जानमाल का भी बड़ा नुकसान हो गया। ये घटनाएं 17, 21, 22 जुलाई 2018 के बीच गाजियाबाद, शाहबेरी, मसूरी, साहिबाबाद में हुई हैं। शाहब
समांत- अही पदांत- है मात्रा भार-२९ १६ १३ पर यति “गीतिका”हर मौसम के सुबह शाम से इक मुलाक़ात रही है सूरज अपनी चाल चले तो दिन और रात सही है भोर कभी जल्दी आ जाती तब शाम शहर सजाती रात कभी दिल दुखा बहकती वक्त की बात यही है॥हरियाली हर ऋतु को भाती जब पथ पुष्प मुसुकाते गुंजन करते
मैं और मेरा शहर सौन्दर्यीकरण का अद्भुत नमूना शोरगुल भरें, चकाचौंध करते जातपात, धर्म वाद से परे पर अर्थ वाद की व्यापकता बचपन की यादों से जुडा मेरी पहचान का वो हिस्सा जानकर भी अनजान बने रहते आमने सामने पड जाते तो कलेजा उडेल देते प्रदूषण, शोर, भीड़ भरा शहर ना पक्षियों की चहचहाहट भोर होने का एहसास करात
हर इंसान की ज़िन्दगी में एहसास का मतलब बहुत की महत्वपुर्ण होता है क्यूंकि एहसास किसी भी तरीके का हो हर एक ही ज़िन्दगी में होता ज़रूर है बस उसके रूप फरक होते है. कोई अपने रिश्तो के एहसास से खुश है तो कोई अपनी सफलता से. आज यहाँ भ