तुम कहाँ से आ रहे हो?
नाम क्या है?
वह पुकारु शब्द मत मुझको बताओ,
जो तुम्हारा आवरण है ।
पर, कहो वह नाम
जिसको फूल औ’ नक्षत्र, ये कहते नहीं हैं ।
नाम जो असहाय मर जाता उसी दिन
जिस दिवस हम भूमितल पर जन्म लेते हैं ।
तुम जवानी हो?
कि शैशव आप अपना पाठ फिर दुहरा रहा है?
जिन्दगी हो?
या सुनहला रुप धर कर मृत्यु विचरण कर रही है?