हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और लेखक कुमार विश्वास के सभी लोकप्रिय कविताएं और लेखों का यहां आपको संग्रह मिलेगा.
मानव मनोविज्ञान कहता है कि जब कोई हमें नजरअन्दाज करता है तो हमें उतना ही दर्द होता है जितना कि कोई चोट लगने पर होता है। किसी ने सच ही कहा है कि जो जख्म दिखते नहीं हैं,वो दुखते बहुत हैं । कोई मुस्कुरा रहा है , इसका मतलब यह नहीं है कि उसकी जिंदगी में
इस किताब में आम आदमी कैसे और कब अपनों की नज़र में दिखना बंद हो जाता है उसके बारे साथ ही वो कब तक अपनों के साथ रहता है आदि के बारे में लिखा है
मेरी एक एक छोटी किताब होगी, जिसमें कुछ शायरी, OneLiner जैसे कुछ शब्द अपनो पढ़ने को मिलेगे!
इक एहसास अनदेखा, अनचाहा सा...❤️
I want to say something about my love and for those boys who belong to middle class family nd from small town nd theylove to any girl but couldn't express their feelings this is the story of that type of boys to get their love because who are bond w
प्रशांत अपने ऑफिस में बैठे हुए बोर हो रहा था । आज ऑफिस में उतना काम नहीं था । वह कुर्सी पर बैठे हुए इधर-उधर ऑफिस में देख रहा था और अपने मन को बहला रहा था । आज उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था ऑफिस में । उसने एक बार फिर इधर - उधर देखा फिर वो सामने रख
यह कहानी प्यार के बारे में है। तीन दोस्तों की शादी प्यार सब कुछ बताया है। इसे जरूर पढ़ें और कमेंट जरुर करे
एक रोमांटिक और दर्द से भरी प्रेमकहानी,जिसमे कोई पागलपन की हद तक प्यार करे।
यह कहानी है रिती और ऋषभ की उनकी अनकही मोहब्बत की और कुछ अनकही मोहब्बत की दास्तां।
कुछ दिन बाद- लक्ष्मी की शादी बड़ी धूम धाम से हुई ,,,जिससे रानू बहुत खुश थी पर वहीं लक्ष्मी के मन में एक अनजान डर था ,,,,जो शायद वो खुद नहीं समझ पा रही थी क्या है और क्यों है । इधर रानू शादी के बाद बहुत खुश थी की चलो शादी तो अच्छे से हो गई अब लक्ष्मी
मन के कुछ एहसास हैं , जो बहुत ही खास हैं । मोती पिरोए अक्षरों के मैंने , जो मेरे दिल के पास हैं । भावनाओ के सागर में बहते , आप भी मेरे साथ हैं । खो जाते इन लहरों में आपके भी जज़बाद हैं ।
रीत प्रताप सिंह जिसे शैतानी गुड़िया कहना गलत नहीं होगा । इन्हें अपनी मुस्कुराहट के पीछे छुपे गम की कोई परवाह नहीं लेकिन दूसरो को खुश रखना बखूबी जानती है । बरसात से इन्हें इतना प्यार है जिसकी कोई हद नहीं । ये आप खुद ब खुद पढ़ने के बाद जान जाएंगे । वही
कुछ अलग.. शायद सबसे अलग.. कुछ पानेक़ी , सोचने क़ी, मिलने क़ी उम्मीद..हो मिलने बाली.. आगे यही सब.. कुछ ख़ास हैं होने बाली..। 🤗
प्रस्तुत शीर्षक "मैं आज का घनानंद" एक सत्य घटना पर आधारित एक कविता है जिसमे एक युवक के मन में अपने एक मित्र प्रति प्रेम की भावना होती है। वह अपने आप को घनानंद और अपने मित्र को सुजान के समान समझते हुए अपने मन में उठ रही भावनाओं, प्रेम में मग्न
उलझनें रिश्तों को कमजोर कर देती हैं लेकिन ये होती क्यों है इस पर गौर करें तो बात एक दूसरे को समझने और अपनी बात समझाने पर आकर रूक जाती है,,, अच्छे खासे रिश्ते एक छोटी सी गलतफहमी पर टूट जाते हैं टूटने और बिखरने का सफर इतना दर्दनाक होता है कि कई बार
1.ये इश्क़ नहीं हैं तो फिर क्या हैं! बिन कहें आँखें सब कुछ बया कर जाती बिन कहें दिल की बात उस तक पहुँच जाती ये इश्क़ नहीं हैं, तो फिर क्या हैं। जब बातें दिल से ज्वाला की तरह निकालती और जुबान से अधरों के ताल-मेल को बिगाड़ देती कहना कुछ चाहए और
आपकी दुवाओ से अब आगे आपकी खिदमत में कुछ गजलें पेश है।ध्यान दीजिएगा जर्रा नवाज़ी होगी।
मोहब्बत इश्क प्यार या वह ऐसा एहसास है जो हर किसी के दिल में होता है कभी ना कभी किसी ना किसी को प्यार होता है किसी को कुछ पल के लिए प्यार किसी को महीने भर का प्यार तो किसी को उम्र भर कर प्यार तो किसी को होता है जिंदगी के आखिरी सांस तक प्यार यह वह मोहब