ऐसी भी क्या ख़ता हुई हमसे जो आप इतने दूर हो गये, ख़ुद को आपसे ज़ुदा करने को हम कितने मज़बूर हो गये, हम तो चाहते थे आपका ताउम्र साथ निभाना ऐ हमसफ़र, लेकिन आपके इंकार से हमारे सारे अरमाँ चूर-चूर ह
यह कहानी समाज में हो रहे बदलाव पर आधार बिंदुओं को चिंहीत करता हैं। कहानी का फैक्ट मुल बिंदु से अलग है, कहानी के मुख्य पात्र में भिन्नता हैं ,सौरभ जो कि स्वभाव से प्रेक्टिकल हैं। वो चाहता हैं कि जो लड़क
काश्वी के करियर का ये मोड़ उसके परिवार को नए उत्साह से भर गया। घर लौटते हुए सब इसी के बात करते रहे। पापा ने काश्वी से पूछा “एक महीने की वर्कशॉप, कब से जाना है?” “दो दिन बाद रजिस्ट्रेशन कराने जाना है
सर्दी की वो रात जब बैठे-बैठे भोर हो गयी।सोच बस यही की– "आखिर कौन है वो"। पेड़ों पर बैठे विहग के तरह उनको निहारते ही रहे जब उनकी पहली तस्वीर मेरे नैनों के सामने आई। नीली साड़ी में अपने होठों पर प्या
जो तू हां करे तो तेरे हम हो जाएदो दिल एक जान बनकर मिल जाएधड़कनों की साज में यूं बस जाएएक दूजे के दिल चलो यूं सज जाएइन फिजाओं में भी मुहब्बत की रवानी होबनकर महक प्यार की हवाओं में चलो घुल जाएचांद सितार
बड़ी खूबसूरत जो मेरी ये जिंदगानी हैतेरे साथ और मुहब्बत की सनममेहरबानी हैतुम मिले तो खुशियों की हुई दस्तकअश्कों ने किया अलविदा गम सारे हुए रुकसतलबों पर सजी जो ये मुस्कुराहट हैतेरे साथ से पाई ये सन
विश्वास की एक डोर थी,तूने से तोड दिया।मेरी जिंदगी के मकसद को,किस तरफ मोड दिया।।मैं चाहता था जिंदगी जीना,अब जीने का मकसद नहीं।जहां पर तु रहे,खुश रहना प्रिय वहीं।।चाहता हूं रब से सदा सलामती तेरी जिंदगी
वो दे गया आखों कोसौगात में बारिशबेहिसाब बरसे अबबूंदे छम छमदिल में दर्द का सागरहोने की है निशानीइश्क मुहब्बत बस हैकिस्से कहानीदर्द ने दिल पर दी थीदस्तकइश्क हमने था जिसे जानापागल दिलदर्द के छल को ना पहच
मिले सिर्फ दर्द की परछाईइश्क बड़ा ही हरजाईजमाने भर की इसमें रुसवाईदिलबर की शामिल बेपरवाहीजाने क्यों उसके लिए ख्वाबों कीदुनिया थी मैने सजाईखुद अपनी जिंदगी कोआग है लगाईख्वाबों से कर यारीनींदें मैंने गवा
प्रेम कहानी ना सहीतुम मेरे सुकून का किस्साबन जाओतुम्हे अपनाने का अफसोस ना होतुम जिंदगी का ऐसाहिस्सा बन जाओप्यार तुम ना निभा सकेइंसानियत तो निभा जाओमै ओर तुम हम तो ना बन सकेयादों में आकर ना रुलाओक
मैं और कमल हम दोनों ही प्यार की परिभाषा नहीं समझ पाते थे। हम दोनों के दिलों में प्यार करने की कोई बात नहीं लेकिन जिंदगी में परिवर्तन कैसे होता है यह इस दिन का एक नया अहसास था। मैं अपनी जिंदगी के नये द
कब से तरस रहे तुमसेदो पल बतियाने कोतुम हरजाई दे ना सकेकुछ पल की वजह मुस्कुराने कोमुंह ऐसे मोड़ा प्यार भरा दिल भी तोड़ातन्हा मरने को क्यों तुमने यूं छोड़ामन एहसासों को लफ्ज़ों मेंअब संवारते हैसजाकर लफ्
तेरे इश्क के सफ़र के हम मुसाफिर चलना संग संग तेरे तेरी मुहब्बत के सहारे तेरी चाहत ही कश्ती तेरा इश्क ही है मेरे किनारे मेरे दामन में सजे टूटकर तेरी मुहब्बत के सितारें सर्दी की मीठी धूप सी तेरी छुअन
होकर जुदा तुमसे ना रह पाए बिछड़ कर भी तुमसे तुम्हारे ही कहलाए मिलना तकदीर ना सही नदी के दो किनारों से ही इस सफ़र में काश साथ चल पाए तनहाई में घुट कर ना मर जाए तू यादों की महफ़िल बन कर जो न सज जाए मेरे
कब तलक सब्र करे क्या कभी सब ठीक हो पाएगा आइने सी टूटकर बिखर चुकी हूं क्या फिर से मन ये संवर पाएगा मुस्कान जो अधरों से रूठ चुकी है क्या कभी कोई जरिया मुस्कुराने का मिल पाएगा हालत है बदतर वक्त मुस्किल
बना बहाना बरसात की वो रात तुमसे मिलना नहीं था सिर्फ इतफ़ाक नसीब दोनों का जुड़ना हां हमें ऐसे ही मिलना था बारिश की बूंदें संग लाई प्यार की सौगात बड़ी दिलकश थी बरसात की वो रात बारिश का वो जमकर बरसना
याद है आज भी वो बात बरसात की वो रात बिजली का चमकना बादलों की वो गर्जन कुछ तो अलग थी उस रात की बात उस रात तुम जो थे मेरे साथ बारिश की बुंदे जैसे समझ रही हो तेरे मेरे जज़्बात आसमान की वो बुंदे भी कर रह
प्रेम नहीं होता किसी शख्स से प्रेम तो होता है उसकी शख्सियत से प्रेम भी तन का नाता प्रेम तो रूह को रूह से है मिलाता शायद इसीलिए है प्रेम अनंत और है अमिट प्रेम नहीं दायरों में सीमित वो वक्त के साथ
सच तो ये है मैं तेरी यादों की किरचियों में दफन हूं तू मेरे सांसों में जी रहा तुझसे चाहत का दीया दिल को आज भी रोशन कर रहा जब कभी गम के अंधेरों में हो जाती हु गुम टूटती कभी , बिखरती हूं खुद को समेट कर
कुछ मेरे दिल के एहसास दूर रहकर भी वो है मेरे साथ प्यारा सा रिश्ता ये मेरे दिल के सबसे पास निस्वार्थ प्रेम और विश्वास की डोर से बंधा रिश्ता ये जुड़े दिल से दिल के एहसास तो क्यों हो फिर दोस्ती का दिन एक