*सच है दुनिया का तो काम ही है कहना.....*
*ऊपर देखकर चलोगे तो कहेंगे, अभिमानी हो गए।*
*नीचे देखकर चलोगे तो कहेंगे... बस किसी के सामने देखते ही नहीं।*
*आंखे बंद कर दोगे तो कहेंगे कि.... ध्यान का नाटक कर रहा है*
*चारो ओर देखोगे तो कहेंगे कि.... निगाह का ठिकाना नहीं।*
*निगाह घूमती ही रहती है... और परेशान होकर आंख फोड़ लोगे तो यही दुनिया कहेगी कि.."*
*किया हुआ भोगना ही पड़ता है।*
*ईश्वर को राजी करना आसान है, लेकिन संसार को राजी करना असंभव है।*
*दुनिया क्या कहेगी, उस पर ध्यान दोगे तो कुछ नहीं कर पाओगे।*
*मसला यह भी है इस ज़ालिम दुनिया का..;*
*कोई अगर अच्छा भी है तो वो अच्छा क्यों है..?*
*इसलिए एक बात ध्यान रखना..*
*सुनो सबकी... करो मन की*
*चक्रव्यूह रचने वाले सारे अपने ही होते हैं.!*
*कल भी यही सच था और आज भी यही सच है.!*