गांव की मिट्टी से पैदा हुआ कोई भी बचपन अपनी मुस्कान मिट्टी में ही ढूंढ लेता था। उस समय के वे कच्चे आंगन और घर में कच्ची सड़कें और गांव के हर चोराहे पर कच्ची जमीन हर किसी की मुस्कुराहट के लिए काफी थी।
*अब तो आन पड़ी है*अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-”आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।बीरबल ने उ
न आंधियां डरा सकें, न मुश्किलें डिगा सकें हमें हमारे राहों से न काफिले हटा सकें...
20 मई 2022 शुक्रवार समय 11:20 (रात) मेरी प्यारी सहेली, सच सारे साल की भागदौड़ और गर्मियों की छुट्टी में मायके जाना बेहद सुखद एहसास की अनुभूत
सखि, आज हम एक ऐसे नायक के बारे में बात करेंगे जिसका नाम भारतीय इतिहास में कहीं भी नहीं मिलेगा लेकिन उसका नाम आसमान में दैदीप्यमान होकर नक्षत्र की तरह चमक रहा है । सखि, ये तो तुम जानती ही हो
Statue of Diana the Huntress in a landscape by Charles Meynier (1768 – 1832).
19 मई 2022 गुरुवार समय 11:15(रात) मेरी प्यारी सहेली,बचपन की यादें बड़े होने पर भी याद आती ही दिलो को गुदगुदाने लगती है।भूतों की कहानियां सुनना, उनको समझना बचपन
18 मई 2022 बुधवार समय 11:15 मेरी प्यारी सहेली,सिर्फ और सिर्फ निस्वार्थ पूर्ति के लिए ज़मीन, जायदाद रुपया, पैसा अपने स्वार्थ के लिए जमा करने या दूसरों से प्राप्
काॅलेज के टाइम की बात है। जब मैं बी.काॅम. द्वितीय वर्ष में पढ़ती थी। एक दिन मैं और मेरी सहेली कविता फ्री लेक्चर में कालेज के बगीचे में बैठे बातें कर रहे थे। बातों बातों में
बाहर बारिश हो रही थी... बहुत तेज थी बारिश... इतनी तेज की उसकी बूंदे खिड़कियों से अंदर आकर पूरे घर को भिगो रही थी... बादल गरजने की आवाज से कबीर की आंख खुली.... कबीर उठा और अपने घर की सभी खिड़किय
सखि, क्या तुम जानती हो कि सच्चा प्रेम क्या है ? तुम कैसे जानोगी ? तुमने कौन सा किसी से कभी प्रेम किया है ? जाके फटी नहीं बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई । हां, तुम सुनी सुनाई बातों के आधार पर
नानी नानी कहानी सुनाओ ।" मेने अपनी नानी से कहा। "अरे!!अबैं नईं। अबैं तो दिन है। रात कों सुनाएंगे। "नानी ने मुझे समझाते हुए कहा। "अभी ही सुना दो ना "मेने नानी से जिद की ।"अरे!!अबैं नईं
हमारे गाँव में एक बावडी है। बडी सी गोलाकार है । पत्थरों से बनी हुई है। नीचे तक सीढियां बनीं हैं। उसमें जगह जगह कुछ कलाकृतियाँ भी बनीं हैं। बावडी की दीवार पर एक मंदिर नुमा खांचे में मूर्तिया
17 मई 2022 मंगलवार समय 11:30 (रात) मेरी प्यारी सहेली,जीवन में मित्र का साथ सच बहुत ही सुहाना अनुभव होता है। आज लगभग 20 साल बाद मैं अपने बचपन की मित्र से मिली। मिलकर ब
कतरों में जी जिंदगी.... हर कतरे में जिंदगी को ढूंढा... कभी मिली कभी खो गई...एक ख्याल के रास्ते में जब चल निकले तो जिंदगी पीछे पीछे चल दी... मुलाकात हुई उससे लेकिन तब जब उसकी आस खत्म हो चुकी थी...
अक्सर हम लड़कियों को पापा की परी कह कर चिढाया जाता हैं, हाँ, शायद सच भी होगा के हमेशा हम पापा की परीयाँ ही रहती हैं .. . बहुत ही लॉजिकल सी बात हैं इसके पिछे भी.. एक मर्द अपने बचपन में हर प्रका
14 मई 2022 शनिवार समय 8:30 शाम मेरी प्यारी सहेली, खुश रहने के लिए किसी कारण की आवश्यकता नहीं होती। हर कोई यह बात कहता
16 अक्टूबर 21 रात का समय था । घड़ी में बारह बजने में पाँच मिनट की देर थी। मैं प्रतिलिपि पर टॉपिक का इंतजार कर रही थी फिर मैंने सोचा टॉपिक आने ही व
12 मई 2022 गुरुवारसमय 11:20 (रात)मेरी प्यारी सहेली, फ्रिज का पानी गले को खराब कर रहा है, मटके के पानी से प्यास नहीं बुझ रही। पसीने हैं कि तर तर बहता जा रहा
डियर काव्यांक्षी कैसी हो डियर, मै भी अच्छी हूं,डियर तुम्हे तो पता ही है, जब हालत बदलते है तो ख्यालात भी बदलने लगते है,