एक असमंजस प्रेम.. हम अक्सर कई लोगो से बात करते हैं जिनमें से कुछ लोंगो से हमें बाते करना अच्छा लगता हैं कभी - कभी हमारे विचार कुछ लोंगो से मिलने लगते हैं तो कभी किसी की शैतानियाँ, नादानिय
29 मई 2022 रविवार समय 11:00 (रात) मेरी प्यारी सहेली, सहेली साथ रहने वाली अली अर्थात मित्र जो सदा साथ रहे, हर दुःख सुख
कभी थी आशा की रौशनी, कभी थे निराशा के अँधेरे,मुल्क आज़ाद कराने वो, इंकलाब का नारा लेकर चले.कभी खुशियों का कारवां न था, थे सिर्फ़ गम के मेले,न थे कोई महफ़िलों के रंग, वो तो थे तन्हाई में अकेले.मुल्क को
आज नदियां और तालाब कूद जाऊं तो अच्छा हैंयां तो आज समंदर में ही डूब जाऊं तो अच्छा हैंअक्कड़ खड़ा हूं आज आईने के सामने रहकर मैंकांच की तरह आज पुरा ही टूट जाऊं तो अच्छा हैंघनघोर वृक्ष की तरह में आज खुद क
स्त्री को जो मर्द खिलौना समझते हैं ना,वो शायद भूल जाते हैं उन्हें जन्मा भी एक स्त्री ने ही ।स्त्री की पूजा देवता भी करते हैं, कुछ तुच्छ मनुष्य हर बार स्त्री की तौहीन करने को आतुर रहते हैं।स्त्री
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आज मुझे बेस्ट सेलर प्रतियोगिता मई 2022 के लिए अपनी भूली-बिसरी यादों के पिटारे को पूर्ण कर बड़ी ख़ुशी हो रही है। क्योंकि एक समय था जब इस पुस्तक में अधिकांश संस्मरण देश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाश
सखि, आजकल खुशियों ने शायद मेरे घर में स्थाई डेरा डाल लिया है । रोज कोई न कोई खुशखबरी मिल जाती है । आज की सुबह मेरे लिए खास बन गई । आज स्टोरी मिरर से मैसेज आया कि आज मेरी कहानियों की पहली किताब "ह
मार्कण्डेय पुराण के ‘देवी माहात्म्य‘ खण्ड ‘दुर्गा सप्तशती‘ में वर्णित शक्ति की अधिष्ठात्री देवी के नवरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौ
26 मई 2022 गुरुवार समय 3:00 मेरी प्यारी सहेली, आज पार्क में घूमते हुए मुझे घास में पीले रंग के फूल खिले हुए दिखे।
दिल तो बच्चा है, दिल हमेशा सच्चा है। दिल बडा हो जाता है न जाने कब? बचपन की खुशियां होती है अनुपम। दिल बचपन मुझे याद आता है। कभी-कभी मां की गोद में सुला जाता है। मां कहती हैं तुझमें बचपन अभी भी मौजूद
संस्कृत में परीक्षा शब्द की व्युत्पत्ति है- 'परितः सर्वतः, ईक्षणं-दर्शनम् एव परीक्षा।' अर्थात् सभी प्रकार से किसी वस्तु या व्यक्ति के मूल्यांकन अथवा अवलोकन को परीक्षा कहा जाता है। पढ़ने, देखने और सुन
समूचे विश्व को परम्पराओं, सभ्यताओं और संस्कृत से अवगत कराने वाला देश भारत जाति-पाति, भेद-भाव ऊंच-नीच काला- गोरा सब को समेटे हुए अनेकता में एकता और विविधता का प्रतीक बना हुआ है हमारा देश भारत। आज भारत
25 मई 2022 बुधवार समय-8:50(रात) मेरी प्यारी सहेली, इस बार मायके जाने के समय ही मैं
पत्थर में भगवान होते हैं लोगों को ये समझाने में धर्म सफल रहा है लेकिन इंसान में इंसान होता है ये समझाने में धर्म अब तक विफल रहा। ~ अज्ञात
मनुष्य सबसे बड़ा तब होता है, जब वह किसी बच्चे की मदद के लिए घुटनों के बल खड़ा होता है। ~ पाइथागोरस
"तुम्हारी निन्दा वही करेगा, जिसकी तुमने भलाई की है।" ~ईश्वरचंद्र विद्यासागर
22 मई 2022 रविवार समय 11:00 (रात)मेरी प्यारी सहेली, गर्मियों की छुट्टियों की शुरुआत के साथ ही दादी नानी के दरवाजे खटखटाएं जा रहे हैं। इस समय तो टिकट म
जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया.... उम्र भर दोहराउंगा ऐसी कहानी दे गया.... उसकी याद भी तो एक कहानी की तरह है जो हर बार उसके साथ न होने पर मेरी आंखों के सामने आ जाती है जैसे कल ही की ब