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संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


चाहें मै तुम पर रोज कितना भी गुस्सा करू  ★★★लेकिन बेहद प्यार मैं तुम्हीं से करता हूँ  ★★★गुस्से में मैं चाहे तुम्हें कुछ भी कह दूँ  ★★★लेकिन बेइंतहा इज्ज़त तुम्हारा मैं करता हूँ  ★

तेरी नजर ने जब मुझे नजर भर के देखा - 2तेरी नजरों के तपिश से मैंने , खुद को पिघलते हुए देखा ।ना जाने कब ...🤔मेरी आँखो से होके , मेरे दिल में समा गये - 2नजरें मिली और तुम ...दिल पे छा गये .❤️.. ॥✍

कभी - कभी तुम मेरे ख्यालों में इस कदर समां जाते हो ...कभी - कभी ....तुम मेरे ख्यालों में इस कदर समां जाते हो ...कि मै तेरे ख्यालों को कागज़ पर उकेर देती हूँ ।✍🏻रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

मालूम हैं तु दूर है मुझसे. . .तुझसे मिलना शायद एक सपना है . . .कई आए ... कई गए यहाँ . . .लेकिन ...बस एक तेरे ही लौटने का इंजार है . . .क्योंकि ...तु ही एक अपना है . . .तु ही मेरे जीने की एक वज़ह है .

अपनी मोहब्बत को मैं तेरे नाम कर दूं ...तू जो कहे इसे सरेआम कर दूं ...इस कदर मैं तेरे इश्क में पागल हुआ हूँ  ...कहा जाने लगा ... के मैं मजनू दीवाना हूं ...मेरे हर सांस में तू ... मेरे हर ख्वाब में

बेटियां ही नहीं बेटे भी पराए होते हैं। बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ कर जाते है उठकर पानी तक ना पीने वाले,,,,। आज अपने कपड़े खुद ही धो लेते हैं,वह जो कल तक घर के लाडले थे आज अकेले में रोते हैं ! सिर्

वर्तमान समय इंटरनेट क्रांति का युग है, जहाँ सोशल मीडिया की ताकत को हम जंगल की आग और आंधी-तूफ़ान कह सकते हैं। यह परंपरागत मीडिया से अलग एक ऐसी आभासी दुनिया है, जहाँ पलक झपकते ही सूचनाओं के आदान प्रदान स

आज का विषय है कॉफी और दोस्ती। इस विषय पर बात करने से पहले बताती चलूँ कि हमें तो बचपन से ही चाय का चस्का है। क्योंकि बचपन से ही देखते आये कि घर आये मेहमान हो या नाते-रिश्तेदार जब तक उन्हें चाय-पानी नही

जब भी देखती हूँ चाँद 🌕 को , तो याद तुम्हारी आ जाती है . . .क्योंकि अक्सर मैंने तुम्हारी बातों में ,चाँदा तारो की ही जिक्र सुना करती थी ।miss u a lot😔✍🏻रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

इतने दिवाने हो गये थे , चाँद तारो के , कि बिना बताये ही ,इतनी जल्दी हमको छोड़ कर चले गये ॥रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

भूल क्या हुई उनसे, क्या हुई खता ..मुझको मेरे रब्बा ..जरा तु ये बता ..क्यों छीन लिया एक पिता से ..उसके जीने की एक वजाह को ..😔😭✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

वो सारे दिल को सुना कर गये ,जो आपके चाहने वाले है ।इस दुनियाँ से अचानक चले जाने के ...गम में सब के दिल में दर्द औरआँखों में आँसू भर गया ...          दर्द कम नहीं हो रहा ह

रास नहीं आयी तेरी काबिलियत ,डर गये थे तेरी काबिलियत से,खुद ना खत्म हो जाये ,इसलिए तुझे ही खत्म कर दिया ..😔💐😔😢😢😢😭😭😭

एक आठ-दस साल की मासूम सी गरीब लड़की ने बुक स्टोर पर एक पेंसिल और दस रुपये वाली कापी खरीदी। फिर उसने खड़ी होकर एक आदमी से पूछा, "अंकल, एक काम कहूँ करोगे?" अंकल ने पूछा, "बताओ, बेटा, क्या काम है?" लड़की

माथे पे वो तेज ...भृकुटी तनी हुई ...आँखों में रौब ...बुलंद आवाज ...चाल मस्तानी सी ...चले जब तो लोग उसे ही देखते है ...ऐसी है वो लड़की ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

🌹चेहरा उसका चाँद का टूकड़ा हो जैसे ....🌹❤️भौवे उसकी ! हमेशा बल दिये गये हो जैसे ....❤️🌷आँख उसकी कमल के फूल हो जैसे ...🌷🧚🏻‍♂️नाक उसकी पतली सुतवा हो जैसे ....🧚🏻‍♂️🌹होठ उसके अधखिले गुलाब के फुल

    पापा जी घर आए लेकिन उन्होंने किसी को कुछ भी नहीं बताया । ना मेरी दादीजी को ,ना बुआ जी को और ना दादा जी को ही । मेरी नानी जी ने किसी के यहाँ जाकर टेलीफोन से फोन किया और बताई कि मेरी दादी

जो मेरे 4 मिनट छोटी है ।😊💞जब जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का कार्य शुरू हुआ । तब नर्स ने नाम पूछा  तो मेरी मम्मी ने जल्दी ही नाम बता दिया , क्योंकि वो तो पहले से हि हम दोनों बहनों का 

मेरा बचपन बहुत आश्चर्यजनक रहा। मेरे जीवन मे कुछभी अचानक से हो जाता है। पहले से किसी बात की जानकारी नहीं होती है । मेरा जन्म हथुआ के बंगाली लाइन में डॉ अमरेश कुमार के यहाँ हुआ था। मेरे ज

आप जाने कितने दिलों को सुना कर गये ...जाते - जाते लाखों लबों की मुस्कुराहट ले गये ...I miss. u Sushant Sir💐💐😢😔😔😔

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