🌹चेहरा उसका चाँद का टूकड़ा हो जैसे ....🌹❤️भौवे उसकी ! हमेशा बल दिये गये हो जैसे ....❤️🌷आँख उसकी कमल के फूल हो जैसे ...🌷🧚🏻♂️नाक उसकी पतली सुतवा हो जैसे ....🧚🏻♂️🌹होठ उसके अधखिले गुलाब के फुल
पापा जी घर आए लेकिन उन्होंने किसी को कुछ भी नहीं बताया । ना मेरी दादीजी को ,ना बुआ जी को और ना दादा जी को ही । मेरी नानी जी ने किसी के यहाँ जाकर टेलीफोन से फोन किया और बताई कि मेरी दादी
जो मेरे 4 मिनट छोटी है ।😊💞जब जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का कार्य शुरू हुआ । तब नर्स ने नाम पूछा तो मेरी मम्मी ने जल्दी ही नाम बता दिया , क्योंकि वो तो पहले से हि हम दोनों बहनों का
मेरा बचपन बहुत आश्चर्यजनक रहा। मेरे जीवन मे कुछभी अचानक से हो जाता है। पहले से किसी बात की जानकारी नहीं होती है । मेरा जन्म हथुआ के बंगाली लाइन में डॉ अमरेश कुमार के यहाँ हुआ था। मेरे ज
आप जाने कितने दिलों को सुना कर गये ...जाते - जाते लाखों लबों की मुस्कुराहट ले गये ...I miss. u Sushant Sir💐💐😢😔😔😔
बहुत हँसी - मुस्कुराहट देखा था मैंने ,मगर तेरी मुस्कुराहट कुछ अलग ही थी ।तुम्हारे हँसी में भोलापन था , जादू था ,जिसे देख लोग मुस्कुरा देते थे ।हर बार तुने हँसाया था ,इस बार क्यू रुला गया ।हमसे क्या गु
💐तुझे जितना😔 भुलाना चाहा ,💐💐तुम उतना 😰याद आये ।💐💐कैसे करू इकरार 🙁के हाँ !💐💐तुम इस ☹️जहाँ को छोड गये ।💐 ☹️ 💐💐💐💐💐💐☹️✍🏻 रिया सिंह सिकरवार "
इन दिनों गुमसुम सी है कुछ चहचहाटें , बेरंग सी लगती है ये धूप जिनमें कभी इंद्रधनुष के सातों रंग नृत्यरत हो उठते थे । दिन का दोलन जो दरियाई फितरत रखता था पहाड़ सा सध गया हो जैसे । कुछ आवाज़ें जिनमें जीवन
नौजवान क्रांतिवीर यानी 14 अगस्त 1942 , आज़ादी से ठीक पांच वर्ष पहले बेवर नगर विदेशी दासता से हो गया था आज़ाद.... मिडिल स्कूल के कक्षा 6 व 7 के छात्र व नगर के नौजवान क्रांतिवीर ( विद्यार्थी कृष्ण कु
याद हो आती है वो पहली फ़िल्म जिसे देखने के दौरान मानो शरीर की सुध बुध तक खो गयी थी । कथानक की बढ़ती गति में नायिका राधा का नई नवेली दुल्हन के रूप में अवतरण और घर की जिम्मेवारियों को निभाते ह
विश्व एक बहुत बड़ी महामारी से गुजर रहा हैं इसके चलते हमारे शहर में भी धारा 144 लगी हैं ,चार साथी एक जगह इकठ्ठा नहीं हो सकते । जरूरत पड़ने पर बाहर जाने की अनुमति है, वरना अनुमति नहीं है
संत नवल राम जी माना कि राजस्थान वीरों और वीरांगनाओं की भूमि है, लेकिन केवल वीर भूमि कहना गलत होगा, क्योंकि यह भूमि अपने गर्भ में कुछ और हुनर संचित किए हुए हैं। यहा
देखती हूँ जब मैं चाँद को तब याद तुम्हारी आती है सीने में दर्द और आँखों में आँसू भर जाते है . . . &nb
इतनी भी क्या जल्दी थीचाँद के पास जाने कीतारा बनने की और हम सब से यूँ दूर जाने की😔😔😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
मेरी दिलरुबा दिनांक- 20/8/2022 दिन-शनिवार याद आ रही है तेरी याद आ रही है याद आने से तेरे जाने से🎶🎶🎶🎶 🙇📚मेरी दोस्त तुम चाय पियोगी या कॉफी अरे-अरे दिलरुबा तुम जो भी प्यार से पिला दो,,, वैसे डाय
घर ,गली और शहर है ,तुझे ढूढ़ रहा,कहा तुम चले गए,क्या हुई हमसे ख़ता,हमसे यू मुँख मोड़ गये✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
आठों योग सीढ़ियों को प्राप्त करने वाले चिरंजीवी हनुमान जी ने अपना ब्रह्म ज्ञान और अनुभव बाँटने के लिए कुछ विशेष आदिवासी शिष्य चुने। उन्होंने वचन दिया था की वे हर ४१ वर्ष पश्चात् अपने शिष्यों की नयी
Hello friends ना जाने कहां खो गई ,वो बचपन की मुस्कान मेरी , हर वक्त , हर लम्हा मायूस रहती हूं , क्या यही है समझदारी की पहचान मेरी ।अगर हर वक्त मायूस रहना , है समझदारी की पहचान ,तो
आज मेरा मन कुछ अच्छा नही था । देश मे लगातार हो रही आतंकी घटनाएं और साम्प्रदायिक दंगों ने मुझे बहुत दुखी और निराश कर दिया था । मैं अपने प्रिय प्रोफेसर श्रीमान रमेश कुमार जी से मिलने चला गया। रमेश
क्या बताएं हमें क्या- क्या दिखाया है ज़िन्दगी ने।कसम से बहुत ही जादा तड़पाया है ज़िन्दगी ने।जिन गलत रास्तों से दूर रहना चाहते थे हम।उन्हीं रास्तों में बार बार चलाया है ज़िन्दगी ने।।जो ना करने को जमाने को