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संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


बहुत हँसी - मुस्कुराहट देखा था मैंने ,मगर तेरी मुस्कुराहट कुछ अलग ही थी ।तुम्हारे हँसी में भोलापन था , जादू था ,जिसे देख लोग मुस्कुरा देते थे ।हर बार तुने हँसाया था ,इस बार क्यू रुला गया ।हमसे क्या गु

💐तुझे  जितना😔 भुलाना चाहा ,💐💐तुम उतना 😰याद आये ।💐💐कैसे करू इकरार 🙁के हाँ !💐💐तुम इस ☹️जहाँ को छोड गये ।💐         ☹️  💐💐💐💐💐💐☹️✍🏻 रिया सिंह सिकरवार "

इन दिनों गुमसुम सी है कुछ चहचहाटें , बेरंग सी लगती है ये धूप जिनमें कभी इंद्रधनुष के सातों रंग नृत्यरत हो उठते थे । दिन का दोलन जो दरियाई फितरत रखता था पहाड़ सा सध गया हो जैसे । कुछ आवाज़ें जिनमें जीवन

नौजवान क्रांतिवीर यानी 14 अगस्त 1942 , आज़ादी से ठीक पांच वर्ष पहले बेवर नगर विदेशी दासता से हो गया था आज़ाद.... मिडिल स्कूल के कक्षा 6 व 7 के छात्र  व नगर के नौजवान क्रांतिवीर ( विद्यार्थी कृष्ण कु

याद हो आती है वो पहली फ़िल्म जिसे देखने के दौरान मानो शरीर  की सुध बुध तक खो गयी थी । कथानक की  बढ़ती गति में नायिका राधा का नई नवेली दुल्हन के रूप में अवतरण और घर की जिम्मेवारियों को निभाते ह

 विश्व  एक बहुत बड़ी महामारी से गुजर रहा हैं इसके चलते हमारे शहर में भी धारा 144 लगी हैं ,चार साथी एक जगह इकठ्ठा नहीं हो सकते ।  जरूरत पड़ने पर बाहर जाने की अनुमति है, वरना अनुमति नहीं है

संत नवल राम जी        माना कि राजस्थान वीरों और वीरांगनाओं की भूमि है, लेकिन केवल वीर भूमि कहना गलत होगा, क्योंकि यह भूमि अपने गर्भ में कुछ और हुनर संचित किए हुए हैं। यहा

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देखती हूँ जब मैं चाँद को      तब याद तुम्हारी आती है      सीने में दर्द और आँखों       में आँसू भर जाते है . . .          &nb

इतनी भी क्या जल्दी थीचाँद के पास जाने कीतारा बनने की और हम सब से यूँ दूर जाने की😔😔😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

मेरी दिलरुबा दिनांक- 20/8/2022 दिन-शनिवार याद आ रही है तेरी याद आ रही है याद आने से तेरे जाने से🎶🎶🎶🎶 🙇📚मेरी दोस्त तुम चाय पियोगी या कॉफी अरे-अरे दिलरुबा तुम जो भी प्यार से पिला दो,,, वैसे डाय

घर ,गली और शहर है ,तुझे ढूढ़ रहा,कहा तुम चले गए,क्या हुई हमसे ख़ता,हमसे यू मुँख मोड़ गये✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

आठों योग सीढ़ियों को प्राप्त करने वाले चिरंजीवी हनुमान जी ने अपना ब्रह्म ज्ञान और अनुभव बाँटने के लिए कुछ विशेष आदिवासी शिष्य चुने।  उन्होंने वचन दिया था की वे हर ४१ वर्ष पश्चात् अपने शिष्यों की नयी

Hello friends ना जाने कहां खो गई ,वो बचपन की मुस्कान मेरी , हर वक्त , हर लम्हा मायूस रहती हूं , क्या यही है समझदारी की पहचान मेरी ।अगर हर वक्त मायूस रहना , है समझदारी की पहचान ,तो

आज मेरा मन कुछ अच्छा नही था । देश मे लगातार हो रही आतंकी घटनाएं और साम्प्रदायिक दंगों ने मुझे बहुत दुखी और निराश कर दिया था । मैं अपने प्रिय प्रोफेसर श्रीमान रमेश कुमार जी से मिलने चला गया। रमेश

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क्या बताएं हमें क्या- क्या दिखाया है ज़िन्दगी ने।कसम से बहुत ही जादा तड़पाया है ज़िन्दगी ने।जिन गलत रास्तों से दूर रहना चाहते थे हम।उन्हीं रास्तों में बार बार चलाया है ज़िन्दगी ने।।जो ना करने को जमाने को

" कभी किसी को किसी से, यू मत छिन लेना , जिससे किसी की सारी ,खुशियाँ ही छीन जाए । "आज मै दुखी बहुत हुई ,जब तुम्हारे जाने की खबर सुनी तो ।बहुत तकलीफ हुई, अंतरआत्मा में ,अजीब सी हलचल हो रही है

डायरी दिनांक ०१/०८/२०२२ शाम के पांच बजकर पचपन मिनट हो रहे हैं ।   आजकल डायरी लेखन नियमित नहीं हो पा रहा है। वैशालिनी को पूर्ण करने की इच्छा में डायरी लेखन से कुछ दूरी हो गयी है।पुनर्मिलन को पूरा

नगर के बस स्टेशन पर एक अधेड़  उम्र  महिला बदहबास  घबराई हुई सामने आ  गयी  ,रुंधे गले से बोली दद्दा  ,मै  बस के इंतज़ार में खड़ी थी अचानक एक आदमी भागता हुआ आया  और  मेरा बैग छीन कर भाग गया .मेरे पैसे कपडे

माँ सूरज की पहली "किरण" हो तुम... कड़ी धूप में घनी "छाँव" हो तुम... ममता की जीवित "मूरत" हो तुम... आँखों से झलकाती "प्यार" हो तुम... जग में सबसे "प्यारी" हो तुम... प्यार का बह

बात है सन 2016 की मैं और अवि वह अपनी सहेलियों के साथ घर जा रही थी और मैं उनके पीछे पीछे थोड़ी दूर चलने के बाद बारिश शुरू हो गई और हम सब ने उस पाक के बने दरवाजे की छत का सहारा लिया और इसके नीचे खड़े हो

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