साथ न होना । गाँठ खुलेगी, छूटेगा उर का सोना ।
आँख पर चढ़े, कि लड़े, फिर लड़े;
जीवन के हुए और कोस कड़े;
प्राणों से हुआ हाथ धोना । साथ न होना है ।
गाँठ पड़ेगी, बरछी की तरह गड़ेगी;
मुरझाकर कली झड़ेगी ।
पाना ही होगा खोना । साथ न होना ।
हाथ बचा जा, कटने से माथ बचा जा,
अपने को सदा लचा जा;
सोच न कर मिला अगर कोना । साथ न होना ।