वक्त की कद्र
वहीं जानता हैं
जो हाथों से कहीं
उसे खो देता हैं,
करता रहता हैं इंतजार
पर वक्त ना किसी का मोहताज होता हैं,
ये बड़ा कीमती होता हैं दोस्तों !
छूटने ना दो बस यू ही,
सतायेगा फिर,
ये सदा ही।।
5 जनवरी 2016
वक्त की कद्र
वहीं जानता हैं
जो हाथों से कहीं
उसे खो देता हैं,
करता रहता हैं इंतजार
पर वक्त ना किसी का मोहताज होता हैं,
ये बड़ा कीमती होता हैं दोस्तों !
छूटने ना दो बस यू ही,
सतायेगा फिर,
ये सदा ही।।