सर पर रखती जो तू हाथ
हर मुश्किल हो जाती आसान।
देख मेरे चेहरे की लाली
खिल उठती तेरी आखे प्यारी प्यारी।
तेरा आंचल
धूप को भी कर दे मत्थम।
तेरा साया
हर पल थामे मेरा हाथ।
मेरी हंसी, तेरी जिंदगी
मेरे आंसू, बने तेरी उदासी।
ओ मां
मेरी प्यारी मां।।
चोट मुझे लगती हैं
आंख तेरी भर आती हैं।
जो तू देखे प्यार से
नूर बरसे आसमां से।
गलती मेरी होती हैं और
संभालने तू आ जाती हैं ।
जब भी लड़खडाती हूं
जाने कैसे तू सहारा बन जाती हैं ।
जब अंधेरा ड़र बनकर सताने लगे
तेरी बोली मुझे राह दिखाने लगे।
तेरे दम से हैं
मेरी हंसी, मेरी हर खुशी।
चाहे मैं दूर कितनी ही हो जाऊँ
जानती हूं तू मुझसे दूर होगी कभी नहीं।
मैंने तो देखा नहीं
पर खुद को भिगोकर तूने,
मुझे सूखे मे सुलाया होगा।
मुझे रोता देख खुद को जगाया होगा,
खुद को भूखा रखकर भी मुझे प्यार भर खिलाया होगा।
मुझे एहसास है
तू हरपल मेरे साथ हैं।
साया साथ रहे ना रहे
पर तेरी दुआं सदा साथ रहें।
प्यार तो करती हूं मैं भी बहुत
कहना चाहूं भी तो कह ना सकू।
मां
आो मां।
मेरी प्यारी मां।।
गोदी में जो रखती हूं तेरे सर
मिलती हैं मुझे जन्नत।
जो तू गले लगाएँ
सूरज भी बाहें फैलायें।
जो सोचूं तुझको
कोई कशिश, कोई शिकन ना हावी हो पाएं।
मां...मां
आो मां
मेरी प्यारी मां।।
"सच है ईश्वर कहीं ना कहीं तो बसा हैं,
तभी तो उसने रूप मां का धरा हैं।।"