यादें फिर वहीं लौट आती हैं
होता हैं जब भी सामना बचपन से
मासूम हंसी वहीं लौट आती हैं
लम्हे ठहर जाते हैं
समा पलकों में कहीं, सिमट जाने को तरसता हैं
वो मासूम हंसी...भोलापन
वो झगड़ती खुशी
कभी रूठना
फिर खुद ही मन जाना
हार में भी जीत का एहसास
वो बातों- बातों में छूना आकाश
उफ!!!
यादें फिर वहीं लौट आती हैं
होता हैं जब भी सामना
बचपन से...
मासूम हंसी वहीं
लौट आती हैं!!!