देखूँ दर्द में जिंदगी को
तो दर्द बांट सकूँ।
देखूँ चोट में जिंदगी को
तो मरहम लगा सकूँ।
देखूँ मायूसी में जिंदगी को
तो हिम्मत बंधा सकूँ।
देखूँ हार में जिंदगी को
तो जीत की राह दिखा सकूँ।
देखूँ खामोशी में जिंदगी को
तो मुस्कान दे सकूँ।
देखूँ तन्हाई में जिंदगी को
तो साथ दे सकूँ।
देखूँ बेबसी में जिंदगी को
तो अरमान दे सकूँ।
देखूँ अंधेरे में जिंदगी को
तो रोशनी दिखा सकूँ।
देखूँ पिंजरे में जिंदगी को
तो उड़ान दे सकूँ।
देखूँ मझधार में जिंदगी को
तो किनारा दे सकूँ।
देखूँ तड़प में जिंदगी को
तो राहत दे सकूँ।
देखूँ मौत में जिंदगी को
तो सांसें दे सकूँ।।