पूजा करते हैं रोज़
मंदिर भी जाते हैं रोज़
ढूढते हैं, हर जगह
पर वो रब कहीं ना मिला
गिरिजा घर- गुरुद्वारा भी खोजा
पर वो यहां भी ना था छिपा
खोजते-खोजते उम्र बीत गयी
चेहरे पर झुरिॅयां भी तो पड़ गयीं
पर तलाश फिर भी जारी रहीं
सभी जगह ढूढ़ लिया
अब कोई रास्ता ना बचा
थक गया हूं
हार गया हूं
पर तेरा अस्तित्व ना जान सका हूं
बचीं है आैर कोई जगह
तो तू हीं बता दें
अब कोई तो उससे मिला दें
ढूढते -ढूढते जिंदगी बीत गई
घडियां सालों में बदल गई
हर संभव जगह पहुंचा
बस जहाँ था वही ना पहुंचा
फिर किसी ने बता ही दिया
मुझे उससे मिला ही दिया
पता दिया तब मैं हैंरान् रह गया
जिसे ढूंढा गली- गली
वो बैठा मिला मेरे अंदर ही कहीं
मैं मूर्ख अज्ञानी था
उसको खोज रहा था
जो मेरे अंदर ही था
सारा जीवन गवां दिया
पर अब जान गया हूं
अस्तित्व को उसके पहचान गया हूं
वो हरपल हमारे साथ हैं, हमारे पास हैं
उसका होना ही जीवन का आधार है
उसके एहसास में ही सार है
हर जीवन उसकी जान हैं
हर धड़कन उसकी पहचान हैं
हर आंसू में उसकी कहानी है
हर हंसी में उसी की निशानी है
।।