रिश्तों के नाम तो कई
पर सच्चा रिश्ता वहीं
जहां
हिम्मत हारे कोई
तो
हौसला बने कोई
रूके कोई जो लडखडाकर कहीं
फिर चलना सिखाये कोई
खता चाहे हो जिसकी
फर्क पड़े नहीं
उदासी हो चेहरे पर जो किसी एक के
तो
आंसू आंखों से अपनी छलकाये कोई
बैठा हो पास या चाहे हो मीलों दूर
पर तार जुड़े हो अटूट
जब
आहट भी ना हो
और
हलचल दूर कहीं महसूस हो
छिपाये जब कोई दर्द अपना दूजे से
एहसास हो जाये पहले ही धड़कती सांसों से
जुड़े हो खून से जरूरी नहीं
नाम हो जिनके जरूरी नहीं
धागे हो पक्के
पर
दिखते हो जरूरी नहीं।।