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शापित संतान भाग -4

18 जून 2023

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"वो,,, शिवा अनन्या की तरफ देखकर कहते हुए रिक्शेवाले बाबा से बोली -" बाबा आज वापसी में हमें लेने न आइएगा , हमें काॅलेज में आज समय लगेगा ,कब वापसी हो पाएगी !कह न सकती तो आपको कितने समय बुलाऊँ !!तो हम वापसी में किसी और रिक्शे से निकल जाएंगे ।"
अनन्या को समझ न आया कि शिवा ये क्या कह रही है पर वो चुप रही ।

दोनों का काॅलेज आ गया था और ।अनन्या शिवा के साथ काॅलेज के अंदर जाते हुए उससे पूछ बैठी -"शिवा, तू बताने जा रही थी कि शुभ्रा काकी ने क्यों बुलाया था फिर बात रोककर रिक्शेवाले वाले बाबा को वापसी में आने से मना कर दिया !! कुछ पल्ले न पडा़ यार ।"
" अरे वो शुभ्रा काकी ने कहा था कि लौटते में मेरे कपडे़ ले आना जो निराली बस्ती के शांति मार्केट में सोमराज दर्जी की दुकान से और अपना काॅलेज और निराली बस्ती वाली सड़क दोनों विपरीत दिशाओं में हैं !! ऐसे में रिक्शे वाले बाबा को हमारे लिए बहुत रिक्शा चलाना पड़ता !!"शिवा ने  कहा ।

दोनों अपना काॅलेज खत्म करके निराली बस्ती की ओर रिक्शा करके  चल दीं।निराली बस्ती,,, जहाँ  निम्न वर्ग के गरीब लोगों की एक पूरी बस्ती ही बसी थी जिसमें

जिसमें दर्जी,रिक्शेवाले, ठेलेवाले, ऐसे ही छोटे-मोटे कार्य करके मुश्किल से अपना जीवन व्यतीत करने वाले जन रहते थे।
दोनों ने सड़क पर ही अपना रिक्शा रुकवाया और,निराली बस्ती ,शांति मार्केट के लिए पैदल ही चलने लगीं ।

कुछ झुग्गी-झोपडी़ वाले और कुछ कच्चे मकानों से होते हुए वे शांति मार्केट पहुँचीं और वहाँ से कपडे़ लेकर वापस हो रही थीं कि शिवा की निगाह एक झोपड़ पट्टी नुमा कच्चे मकान के बाहर  बाँस की बल्लियों के सहारे तनी काली पन्नी के नीचे खडे़ रिक्शे पर पडी़ ।


"ऐ अनन्या देख न ! वो रिक्शा तो रिक्शे वाले बाबा के जैसा लग रहा है !! " शिवा ने अनन्या से कहा।
" नहीं यार ,, वो रिक्शा थोडे़ ही होगा ,, चल जल्दी बहुत जोरों की भूख लगी है ।" अनन्या ने शिवा का हाथ खींचते हुए कहा और दोनों वहाँ से रिक्शा कर घर के लिए निकल लीं ।

ये कैसा अपनत्व था जो दोनों को उन रिक्शे वाले बाबा से जो उनके मन मस्तिष्क से वो रिक्शे वाले बाबा निकलते ही न थे !! 


" शिवा, तूने एक चीज़ पर ध्यान दिया है !!  जब पहली बार हम रिक्शे वाले बाबा के रिक्शे से काॅलेज उतरे थे तब वो काॅलेज को कैसे देख रहे थे !! उनकी आँखों में आँसू भरे थे और उसके बाद जब भी हमारा काॅलेज आने वाला होता है तब वे अपना अँगौछा खींचकर माथे तक कर लेते हैं जैसे काॅलेज की तरफ देखना ही न चाहते हों !!" अनन्या ने रोटी के कौर में सब्जी लपेटकर कौर मुँह में रखते हुए शिवा से कहा।
"हाँ यार ,,, ये तो मैंने भी महसूस किया है और एक चीज़ क्या तूने महसूस की ??" शिवा ने खाते हुए अनन्या से पूछा।

"क्या !!" अनन्या ने कहा ।
"यही कि वे उतने बुजुर्ग लगते नहीं हैं ,, हालात के मारे ज्यादा लगते हैं ,, जैसे हालात ने उन्हें समय से पहले ही बूढा़ कर दिया हो !!" शिवा पानी का ग्लास उठाते हुए बोली और पानी पीने लगी ।
"हाँ तू सही कह रही है ,,, अनन्या ने कहा और वो दोनों थालियां आँगन में रखने चली गई।

जो भी था वो समय अपने गर्भ में छुपाए मुस्कुरा रहा था मानो कह रहा हो कि जब मेरा मन होगा तभी मैं सब प्रकट करूँगा मगर धीरे -धीरे ।


दिन बीत रहे थे और उन दोनों की  दो-चार दिन की छुट्टियां होने वाली थीं ।
"सुन ना शिवा ,, इस बार तू जयपुर न जाकर कानपुर जा और वहाँ पहुँच कर अपनी माँ को फोन करके कह कि माँ मैं स्टेशन आ गई हूँ और या तो मुझे लेने आओ या घर का पता बताओ ।"अनन्या ने अपने घर बरेली जाने के लिए बैग में अपने कपडे़ रखते हुए कहा ।


"नहीं यार ,, कोई फायदा नहीं है ,कल ही माँ का फोन आया था जब तू ऊपर शुभ्रा काकी के पास बैठी थी ,माँ ने कहा था कि मामा को थोडा़ काम आ गया है तो वो तुझे लेने जयपुर स्टेशन न आ पाएंगे तो तू स्टेशन से अकेले ही नाना जी के घर चली जाना और इस बार मैं न आ पा रही हूँ वहाँ ।शिवा ने बेमन से अपने कपडे़ बैग में डालते हुए कहा।


"यार ऐसे तो तुझे कभी पता न चल पाएगा कि तेरी माँ तुझे तेरे ही घर कानपुर क्यों न आने देती है !!
मैं तो तय कर ली हूँ कि इस बार माँ से जानकर रहूँगी कि वो ननिहाल का नाम तक क्यों न लेती हैं !" अनन्या कपडे़ रखते हुए बोली।
शिवा ने कहा -" नहीं ,मैं सोच रही हूँ कि इस बार माँ न आ रही हैं तो मामा से कहूँ कि मुझे माँ के पास कानपुर ले चलें ,देखूँ तो वो क्या कहते हैं 

अगले दिवस शिवा और अनन्या दोनों अपने -अपने गंतव्य पहुँचने के लिए तैयार होकर कमरे से निकलकर बाहर सड़क की तरफ आने लगीं जहाँ उन्होने रिक्शेवाले बाबा को आने को कहा था ।उन्होने दूर से देखा कि रिक्शेवाले बाबा सड़क के किनारे अपना रिक्शा लिए हुए खडे़ थे।
"यार रिक्शेवाले बाबा समय के बहुत पक्के हैं ,,, सात बजे कहा था आने को तो अभी सात बजने में दो मिनट बचे हैं और ये आकर खडे़ भी हो गए !" अनन्या ने शिवा से कहा।

"हाँ ,वही तो !"शिवा बोली और दोनों रिक्शेवाले बाबा के पास पहुँचने ही वाली थीं कि एक आदमी ने आकर उनसे पूछा --" 

लिसेन ,विल यू कम टु शारदानगर? 

फिर स्वयं से बोला -- हूम आइ एम आस्किंग इन इंग्लिश! 

दिस रिक्शा ड्राइवर एन्ड इंग्लिश! हा !हा!हा  कहते हुए वो हँसने लगा ।

आई विल नाट गो टु शारदा नगर,आइ हैव टु पिक अप पैसेंजर्स टु  स्टेशन ।
रिक्शेवाले बाबा बोले और उस आदमी का मुँह खुला का खुला रह गया ।
शिवा और अनन्या भी हैरानी से एक दूसरे को देखने लगीं ।

"यार रिक्शेवाले बाबा ने इंग्लिश में कही बात का उत्तर इंग्लिश में दिया !! इसका मतलब जानती है ! रिक्शेवाले बाबा पढे़-लिखे हैं और जिस तरह इन्होने उत्तर दिया उससे यही लग रहा है कि ये अच्छे घर के हैं पर ऐसी क्या परिस्थिति रही होगी जो उन्हें रिक्शा खींचना पड़ रहा है !!" शिवा ने हैरानी में भरे हुए अनन्या से कहा और अनन्या ने भी -"हाँ यार " कहते हुए उसकी बात से सहमति व्यक्त की और दोनों रिक्शे पर बैठ गईं और रिक्शेवाले बाबा उन्हें स्टेशन लेकर आने लगे ।..........शेष अगले भाग में।

Papiya

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दरअसल इंसान की यह फितरत है कि वह किसी का भी आंकलन उसके कपड़ों से करता है

21 सितम्बर 2023

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लाजवाब भाग

18 जून 2023

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रचनाएँ
शापित संतान
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मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित संतान अपने पुत्र से त्रस्त पिता को क्या क्या सहना पड़ता है वो पढ़कर एक पिता की पीडा़ महसूस करिए मेरी कहानी -'शापित संतान'पढ़कर ।
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शापित संतान --भाग 1

16 जून 2023
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भोर के नौ बजने वाले थे और भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड रूप में आकर ग्रीष्म का कहर बरपा रहे थे।शिवा और अनन्या धूप से बचने को अपने अपने सिर दुपट्टे से ढ़के ,रिक्शे के लिए सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर खडी़

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शापित संतान -भाग 2

17 जून 2023
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"अच्छा वो सब छोड़ ,,,सुन न शिवा,हमको मिले छह महीने हो गए और हम अभी एक दूसरे के बारे में कुछ न जानते हैं सिवाय इसके कि तू कानपुर और मैं बरेली से हूँ,चल पहले तू अपने बारे में बता फिर मैं अपने बारे में त

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शापित संतान -भाग 3

17 जून 2023
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,,,,, मुझे छोटे से ही जयपुर के हाॅस्टल डाल दिया गया ,जयपुर जहाँ मेरा ननिहाल है , मुझे धुँधला -धुँधला याद है वहाँ माँ मिलने आती थीं और मुझसे मिलने मेरे बाबा भी आते थे ,,,, वहीं मेरी सारी शि

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शापित संतान भाग -4

18 जून 2023
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शापित संतान -भाग 5

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दोनों के मन में प्रश्न थे पर उन्होने उस रिक्शेवाले बाबा से कुछ भी पूछना उचित न समझा ।शिवा ट्रेन में बैठी जयपुर जा रही थी ।जितना ट्रेन आगे बढ़ रही थी उतना ही उसका मन उसको पीछे की ओर खींच रहा था। उसका म

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शापित संतान भाग -6

18 जून 2023
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इंसान अपने भीतर किसी बात का बोझ लेकर कैसे चल लेता है ,,, मन की गाँठें किसी से तो खोलकर अपने मन का बोझ हल्का कर सकता है ,, उसे करना चाहिए वरना उस बोझ के तले सबकुछ दबकर रह जाता है ,, होंठों की हँसी,आँखो

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शापित संतान भाग 7

19 जून 2023
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"कुछ भी !! पर मुझे तो लगता है कि रिक्शेवाले बाबा का कानपुर से कुछ तो नाता है ,, वरना वो ऐसे चौंकते नहीं पर वो कुछ बताते भी तो नहीं !!"शिवा ने कहा और दोनों अंदर प्रवेश कर गईं ।" अनन्या ,शुभ्रा काकी को

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शापित संतान भाग 8

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"नहीं ,वो नहीं मैं सोच रही थी कि रिक्शेवाले बाबा कितनी मेहनत करते हैं ,दिन रात रिक्शा खींचते हैं तब जाकर उनके घर चूल्हा जलता होगा ।"अनन्या ने कहा।"हाँ वो तो है पर हम कर भी क्या सकते हैं !!"शिवा बोली।"

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शापित संतान भाग 9

19 जून 2023
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कितनी भीड़ है लोगों की !!मैं कैसे ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दूँगी !!उस आदमी ने सुना तो मेरे पास आकर बोला कि आप मरना क्यों चाहती हैं !! मैंने रोते हुए सब बताया तो वो सुनकर उदास होकर आँसू ब

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शापित संतान भाग 10

19 जून 2023
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शिवा चुपचाप सिर झुकाकर मामा के साथ घर के अंदर चली गई ।नानी उसको देखकर खुश भी हुई और कुछ सोचकर उनकी आँखों के कोर भी भीग गए थे ।वो याद करने लगी - जब वो पिछली बार नानी के घर आई थी तब एक दिन मामा के

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शापित संतान -भाग 11

20 जून 2023
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शिवा की आँखों में धुंधली सी यादें तैरने लगीं-- गोलू,,,, उधर सीढियों की तरफ नहीं,,, उधर गिर जाओगी ! इधर आओ इधर ,,, गोलू ,,, तुमसे से चापाकल न चलेगा ,,, हा हा हा ,,, आ जाओ इधर ,,,, शिवा के मा

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शापित संतान -भाग 12

20 जून 2023
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श्रीनिवास आया और चाय व नाश्ते के जूठे बर्तन ले जाने लगा ।"माँ मैं जाकर पूरा घर देखकर आती हूँ ।"शिवा ने कहा और वो अपने कमरे से निकलकर रसोंईघर देखकर फिर रसोंईघर के बगल वाले कमरे में गई। विशाल रसोंई के ब

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20 जून 2023
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" माँ बस अभी ही तो आई ! पापा से नमस्ते करने को हाथ जोडे़ मगर पापा ने तो मुझे स्नेह से देखा तक नहीं !! अपनी बेटी से मिलकर लगता है पापा को खुशी न हुई !!" शिवा ने ये प्रकट करते हुए कहा जैसे उसने कुछ सुना

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शापित संतान -भाग 14

21 जून 2023
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शापित संतान -भाग 15

21 जून 2023
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शिवा पलटी तो देखा कि पीछे माँ खडी़ थीं और उनके चेहरे पर घबराहट थी ,तभी शिवा को याद आया कि उसने रसोंई के बगल वाले कमरे के भीतर वाले दरवाजे की कुण्डी़ बंद कर दी थी वो अभी खोली नहीं !!"एक मिनट माँ !"कहती

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शापित संतान -भाग 16

21 जून 2023
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मैंने अपने घर में बात की तो तुम्हारे नाना,मामा तैयार हो गए और तुम्हें उनके यहाँ पढ़ने भेज दिया गया ,तब तुम्हारे मामा का विवाह न हुआ था पर तुम्हारे मामा के विवाह होते ही ,चेतना ने साफ कह दिया कि मैं कि

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शापित संतान-भाग 17

22 जून 2023
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सोचते हुए शिवा ने श्रीनिवास के कमरे की तरफ देखा - नित्य की तरह श्रीनिवास के कमरे का दरवाजा उड़का हुआ था और उसके कमरे की लाइट जल रही थी ।ये श्री कमरा बंद कर लाइट जला कर कुछ करता है या इसकी लाइट जलाकर स

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शापित संतान-भाग 18

22 जून 2023
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"हाँ यही करती हूँ फिर तुझे बताती हूँ ,अब सो जा बहुत रात हो गई है ,, शिवा ने कहा और फोन रखकर स्वयं से कहने लगी श्री से कुछ भी करके उन दोनों कमरों की चाभियां लेकर कमरे खोलकर देखूँगी ,, &

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शापित संतान -भाग 19

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अनन्या ने कहा और शिवा ने फोन रख दिया और सुबोध चंद्र राव के कमरे के सामने जाकर खडी़ हो गई।श्रीनिवास को होश आया तो वो हड़बडा़कर कमरे से निकलते हुए बाहर आया तो देखा कि शिवा बडे़ सर के कमरे के बाहर ,हाथ म

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शापित संतान -भाग 20

22 जून 2023
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गधे की औलाद, मुझसे प्रश्न करेगा!!चटाआक !! गाल सहलाना छोड़ और कान खोलकर सुन ले मैं जो करने जा रहा हूँ उसमें अगर मेरे साथ रहने में आनाकानी की तो तेरी चमडी़ उधेड़कर कुत्तों को खिला दूँगा,, अब

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शापित संतान -भाग 21

22 जून 2023
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शापित संतान - भाग 22 अंतिम भाग

22 जून 2023
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छमिया ये सब देखकर समझ गई कि ये सब भाऊ के घरवाले हैं और भाऊ किसी वजह से अपना घर छोड़कर आए थे और ये लोग उन्हें मनाने आए हैं ।वो बैठे बैठे सब सुनने लगी।"उठो,उठो,उठो,श्रीनिवास।" श्रीनिवास को उठाते हुए सुब

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