भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा के पास माठ तहसील है, जहाँ पर राधा रानी का मंदिर है। वहीं की एक सच्ची घटना है ये ,
बात साल 2012 या 13 की है, के चबूतरे पर कुछ बंदर बैठे थे उनके 3,4 छोटे छीटे बच्चे बही खेलने में मगन थे।
तभी कहीं से एक नाग निकल आया और बंदर के एक बच्चे को डस लिया। सारे बन्दर क्रुद्ध क्रंदन करने लगे ,और नाग वहीं एक बिल में घुस कर छिप गया।
बंदरों ने अपनी भाषा मे न जाने क्या संदेश प्रसारित किया कि ,देखते ही देखते सैकड़ों बंदर वहाँ इकट्ठा हो गए।
कुछ बन्दरों ने उस बच्चे को चबोतरे पर लिटाया ओर नीम की टहनियां तोड़ तोड़ कर लाने लगे।
कुछ बंदर नाग की सरणस्थली की ओर लपके।
बंदरों की फौज देखकर आते जाते राहगीर अपनी गाड़ी रोक कर तमाशा देखने लगे।
देखते ही देखते हजारों लोगों का हुजूम उक्त द्रश्य देखने के लिए एकत्र हो गया।
बंदर इस सब से बेपरवाह अपने काम मे मगन थे।
कुछ बंदर नीम की डाली से बच्चे का जहर उतार थे, बे उसके सर से पाव की ओर टहनी घुमाते और कुछ बुदबुदाते, फिर टहनी बदल कर उक्त क्रिया दोहराते।
कुछ बंदर नाग का बिल अपने नाखूनों से खोदने लगे ,और दो तीन बंदर बिल पर घात लगाए बैठ गए, एकदम मुस्तेद चौकन्ने अपने लक्ष्य पर सम्पूर्ण ध्यान्द्रष्टि।
तभी कुछ बंदर नल से अपनी हथेलियों में पानी भरकर लाने लगे ओर बिल में भरने लगे।
ये देख कर एक दर्शक ने बोतल में पानी भरकर छोड़ दिया ओर दूर हट गया।
बंदर ने झट से बोतल उठाई ओर बिल में उड़ेलने लगा।
एक बोतल दो बोतल तीन बोतल ,,,,
नाग ने जैसे ही बिल से सर निकाला कि एक बंदर ने जो कि घात लगाए बैठा था झट से उसे दबोच लिया, और लगा बिल से बाहर खींचने।
नाग ने बहुत शक्ति प्रयास किया किन्तु बंदर ने उसे बिल से बाहर खींच कर धरती पर पटक ही लिया।
किन्तु उसका मुंह बंदर ने अपनी मज़बूत पकड़ में दबाए रखा।
नाग को बाहर आया देख सारे बंदर क्रोध में चीखने लगे जैसे कह रहे हों पटको इसको मार डालो छोड़ना मत।।।
और उधर बच्चे का इलाज चालू , इधर लगे बंदरों को जैसे उधर से कोई मतलब नही। या कहो कि पूर्ण विस्वास कि, ये अपना काम पूर्ण कर ही लेंगे।
नाग को पकड़े बंदर ने इसे जमीन में रगड़ना सुरु किया और तीन चार बार रगड़ कर उसे देख कर सूंघा और खीं ख ख खी खीं,,, की आवाज निकलने लगा।
जैसे कह रहा हो कि अब भुगतो सजा अपने कृत्य की।
और बाकी के बंदर भी क्रोध में खिखिखिखिकरें कर के उस बंदर का उत्साहबर्धन करने लगे।
काफी देर ये द्रश्य चलता रहा,,,
बंदर ने सांप को रगड़ रगड़ कर मार डाला।
उधर सांप ने आखिरी सांस ली, इधर बो बच्चा उछल कर अपनी मां से लिपट गया।
बंदर सांप की मृत देह को घसीटकर हर्ष ध्वनि के साथ अपना विजय उत्सब मनाने लगे।
और दर्शक आश्चर्य व्यक्त करते हुए अपने अपने गंतव्य स्थलों की ओर जाने लगे।