18 जून 2017
पिता कभी रोते नहीं है - सबके सामने आँखे भिगोते नहीं , पर उदासी जो देख लेते आँखों में मेरी कसम्म से रात भर सोते नहीं है !!!!!!!!!! प्रिय नृपेन्द्र जी -- ऐसे ही होते है पिता ------ ईश्वर सबके सर पर इस विराट आसमान का साया सदैव बनाये रखे और कोई इससे हरगिज वंचित ना रहे -- आपको बहुत शुभकामना जो इतनी सुंदर पंक्तियों में पिताजी को सम्मान दिया -- सचमुच इस दुनिया के हर पिता को नमन है
18 जून 2017