शरीर की अंदरूनी समस्याओं को पता करने के लिए कई तरह की तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इससे मरीजों को सटीक जानकारी प्राप्त होती है और डॉक्टर्स को भी इलाज करने में मदद मिलती है। इन्हीं जरूरी टेस्ट में शामिल है रेडियोलॉजी। लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 8 नवंबर को वर्ल्ड रेडियोलॉजी डे मनाया जाता है।
जानिए वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे का इतिहास।
कई बार हम कुछ ऐसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, जिन्हें पता लगाना मुश्किल होता है। इसके लिए कई तरह के टेस्ट करवाने पड़ते हैं। इन्हीं जरूरी टेस्ट में शामिल है रेडियोग्राफी। जिसकी मदद से शरीर की अंदरूनी समस्याओं के बारे में पता किया जा सकता है।
हर साल दुनियाभर में 8 नवंबर को वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को इस तकनीक के बारे में जागरूक करना। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व।
वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे का इतिहास
पहली बार वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे साल 2012 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने की पहल यूरोपियन सोसाइटी ऑफ रेडियोलॉजी, रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका और अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी की तरफ से की गई थी। जर्मन भौतिक विज्ञानी विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन द्वारा एक्स-रे की खोज से रेडियोलॉजी का विकास हुआ।
वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे का महत्व
दुनियाभर में लोगों को रेडियोग्राफी के महत्व को समझाने के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है। रेडियोग्राफिक इमेजिंग मरीजों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके जरिए शरीर के गंभीर बीमारियों के बारे में पता किया जा सकता है। यह किसी भी बीमारी के बारे में सटीक जानकारी देती है। रेडियोग्राफी थेरेपी के हर साल हजारों मरीजों की जान बचाई जाती है।
वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे की थीम
इस साल वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे की 11वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस साल की थीम 'Celebrating patient safety' है यानी मरीज की सुरक्षा का जश्न मनाना चाहिए।