परिचय: महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 215 वोट पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं डाला गया. सभी सदस्यों ने मल्टीमीडिया डिवाइस से अपने मत का प्रयोग किया.देश की राजनीति में व्यापक असर डालने वाले महिला आरक्षण बिल को बुधवार को लोकसभा से दो तिहाई बहुमत के साथ मंजूरी मिली थी.
इस बिल को दोनों सदन से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलते ही इस विधेयक का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ हो जाएगा.
सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे ऐतिहासिक विजय बताया
महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे ऐतिहासिक विजय बताया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर हुई चर्चा की तारीफ करते हुए कहा, दोनों सदन में 132 सदस्यों ने बहुत ही सार्थक चर्चा की है. उन्होंने कहा कि भविष्य में सदन में हुई चर्चा का एक-एक शब्द आने वाली यात्रा में हम सभी लोगों के काम आने वाला है. सदन में हुई चर्चा का हर एक शब्द का महत्व और मूल्य है. ये भावना देश के जन-जन में एक नया आत्मविश्वास पैदा करेगा. उन्होंने कहा कि इस बिल को पास कराने में सभी दलों की अहम भूमिका है. सभी दलों के सहयो से नारी शक्ति को विशेष सम्मान मिला है.
महिला आरक्षण पर निष्कर्ष : इसका मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं को समानता और समरसता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाना है। यह उन्हें समाज में अधिक भागीदारी और समाजिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, इसके फायदे हैं, लेकिन यह भी चुनौतियों का सामना करता है, जैसे कि यह योग्यता और पैरमानिकता के मामले में समय-समय पर विवादित हो सकता है। इसलिए, महिला आरक्षण को समझने और संरक्षित करने के लिए समय-समय पर मूल्यांकन की आवश्यकता है, ताकि समाज में समरसता के साथ महिलाओं के अधिक समर्थन और समानता की दिशा में कदम बढ़ा सके।