आज दोपहर 3 बजे के आसपास दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों भुकंप के तगड़े झटके महशूस किए. भुकंप उत्तर भारत के कई इलाकों के साथ नेपाल, राजस्थान में भी मेहसूस किए गए. झटके इतने तेज से थे कि कुछ ही मिनट में अफरा-तफरी मच गई. लोग बिल्डिंग से निकल के भागने लगे।
पैनिक का माहौल
मंगलवार दोपहर भूकंप के तेज झटको के कारण अभी भी राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में पैनिक का माहौल बना हुआ है। डर लोगों में इसलिए भी है कि 24 घंटे में ऐसा दूसरी बार हुआ है। हालांकि, इस बार तेजी ज्यादा थी।पैनिक ज्यादा हो गया. इसकी स्पीड 6.4 बताई जा रही है।
क्या थी स्पीड
रिक्टर स्केल पर भुकंप की तीव्रता 4.6 रही। भूकंप का केंद्र नेपाल में था। जानकारी के अनुसार, नेपाल में दो बार भूकंप आया इसमें से 2.25मिनट पर आए पहले भुकंप की तीव्रता 4.6 थी।वहीं दूसरा दोपहर करीब 2.53 बजे पर आया. इसकी तीव्रता 6.2 थी।
खतरनाक लेवल की स्पीड
नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी के मुताबिक, नेपाल में केंद्र पर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 आंकी गई है, जो काफी ज्यादा है।आमतौर पर भूकंप की तीव्रता 5.4 से अधिक रहती है तो उसे खतरनाक स्तर का माना जाता है। हालांकि, नेपाल से जैसे-जैसे दूरी बढ़ती गई इसकी स्पीड कम मेहसूस की गई।दिल्ली और उत्तर भारत में ये इसकी तीव्रता 4.6 का मेहसूस किया गया।
कहां लगे झटके
दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ भूकंप के झटके दिल्ली के तमाम इलाकों के साथ-साथ गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, हरियाणा के कई इलाकों में और उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के कफी बड़े हिस्से में लगे।बता दें भूकंप का केंद्र नेपाल और इसकी गहराई जमीन से करीब 5 किलोमीटर नीचे थी।
कैसा हुआ माहौल
भूकंप के झटके मिलते ही ऊंची इमारतों वाले इलाकों में अफरा-तफरी मच गई।दिल्ली-एनसीआर में लोग इमारतों से नीचे उतर आए और इसके बारे में चर्चा करने लगे।देखते-देखते बाहर भीड़ नजर आने लगी।लोगों के घरों और ऑफिसों से आ रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पंखे, फर्नीचर तेजी से हिलने लगे और लोगों में खौफ पैदा हो गया।फिलहाल यह जानकारी जुटाई जा रही है कि इस भूकंप का कहां कितना असर हुआ।
भूकंप के झटके महसूस होते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और उनके सहयोगी मध्य दिल्ली के निर्माण भवन स्थित अपने ऑफिस से बाहर निकल आए।कई ऑफिसों में कर्मचारियों को सचेत करने के लिए सायरन बजाया गया, ताकि वे इमारतें खाली कर सकें।