राजस्थान के जोधपुर से अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 6 क्विंटल घी को पहुंचाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. इस घी को 108 रथों में रखकर अयोध्या ले जाया जाएगा. गाय के शुद्ध देसी घी के साथ भारी मात्रा में हवन सामग्री भी अयोध्या भेजी जाएगी. गाय के शुद्ध देशी घी को तैयार करने में करीब 9 साल लगे हैं.
भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माणाधीन है. अगले साल जनवरी 2024 में यह मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. राम मंदिर के लोकार्पण को लेकर तैयारियां भी जोरशोर से चल रही हैं. राम मंदिर निर्माण को लेकर जोधपुर शहर ने समर्पण राशि देने में भी देशभर में अग्रणी रहकर रिकॉर्ड बनाया था. वहीं, इस मंदिर में होने वाली पहली आरती और महायज्ञ के लिए गाय का शुद्ध देसी घी जोधपुर से जाने वाला है. देसी गाय के घी से मंदिर में प्रथम अखंड दीपक प्रज्वलित किया जाएगा. इसके अलावा मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान होने वाले महायज्ञ में भी यही घी और जोधपुर से जाने वाली हवन सामग्री से आहुतियां दी जाएंगी.
जोधपुर के युवा संत ओम संदीपनी महाराज ने इस पुण्य काम का बीड़ा उठाया है. घी को अयोध्या पहुंचाने की तैयारियां भी जोरो-शोर से की जा रही हैं. इसे पौराणिक तरीके से 108 रथों में रखकर अयोध्या ले जाया जाएगा. इन रथों में 216 बैल जोते जाएंगे. जिनमे घी के साथ हवन में आहुति देने के लिए संविदा व हवन सामग्री भी इन रथों के जरिए अयोध्या जाएगी. बताया जा रहा है कि कुल 6 क्विंटल घी और हवन सामग्री लेकर महाराज अयोध्या पहुंचेंगे।
महाराज ने लिया अनूठा संकल्प
महाराज व गौशाला संचालक ओम संदीपनी महाराज ने बताया कि साल 2014 में उनके मन मे यह विचार आया कि कभी न कभी सुप्रीम कोर्ट रामभक्तों के पक्ष में फैसला आएगा. बस उसी दिन से उन्होंने यह संकल्प ले लिया कि प्रथम महाआरती व महायज्ञ के लिए वह घी एकत्रित करेंगे. उसी दिन से वे इस कार्य मे जुट गए.
गायों को सुनाई गई रोजाना श्रीमद भगवद गीता
महाराज का कहना कि उन्होंने जो देशी घी तैयार किया है. उसे भारत के ऋषि मुनियों की प्राचीन परंपरा के साथ किया गया है. जिसकी वजह से ये जल्दी खराब नहीं होता है. इसके लिए गायों को डाइट में भी बदलाव किया गया है. पिछले 9 साल से गायों को हरा चारा, सुखा चारा, पानी ही दिया जाता था. फालतू कुछ नहीं दिया जाता था. उन्हे बाहर का कुछ भी नहीं खिलाया जाता था. गायों को रोजाना श्रीमद भगवद गीता सुनाई जाती थी. इसके लिए गौशाला में 24 घंटे भगवद गीता चलती रहती थी. जो आज भी जारी है.
निष्कर्ष: यह है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए लोग अपनी साजगरी और भक्ति के साथ जुटे हैं। जोधपुर से 600 किलो घी के साथ 108 रथों के माध्यम से अयोध्या भेजी जाएगी, यह दिखाता है कि लोग अपने संगठन और समर्पण के साथ राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्थन प्रदान कर रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि राम मंदिर भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण है और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए साझा प्रयास है।