रिंकल शर्मा कविता, नाटक और कहानी लिखती हैं।उन्होंने प्रेमचंद की कहानियों का नाट्यरूपांतरण किया है। इस संबंध में उनकी तीन किताबें 'प्रेमचंद मंच पर' प्रकाशित हो चुकी हैं।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की बीती शाम डायमंड बुक्स की दो शानदार किताबों के नाम रही। रिंकल शर्मा की ‘भारत की 75 वीरांगनाए’ और पुष्पिता अवस्थी की ‘आंखों की हिचकियां, अनुभव और अनुभूतियों’ पुस्तक का लोकार्पण में साहित्य जगत की दिग्गज हस्तियां जुटीं। प्रख्यात लेखक बाल स्वरूप राही, कवि और ग़ज़लकार लक्ष्मीशंकर बाजपेयी, चर्चित गीतकार ओम निश्चल, कथाकार सुभाष चंदर और कवि तथा पत्रकार आलोक यात्री सहित कई नामचीन लोगों ने दोनों लेखिकाओं की रचनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ बाल साहित्यकार बाल स्वरूप राही ने कहा कि वीरांगनाओं के इतिहास पर जब भी चर्चा होती है, चंद नाम ही उभर कर सामने आते हैं, जबकि भारत के निर्माण में राजा-महाराजाओं, देशभक्तों और वीर शहीदों के साथ-साथ भारत की वीरांगनाओं की भी बड़ी भूमिका रही है।
व्यंग्यकार और उपन्यासकार सुभाष चंदर ने रिंकल शर्मा की पुस्तक “भारत की 75 वीरांगनाएं” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक ऐसी पुस्तक है जो पढ़े जाने की मांग करती है।उन्होंने कहा कि हम लोग सिर्फ कुछ ही वीरांगनाओं के नामों से परिचित हैं लेकिन रिंकल शर्मा ने बहुत शोध करके ऐसे नाम निकाले हैं जिनसे अधिकांश लोग परिचित नहीं है।