लंबे समय तक आंखों पर चश्मा लगाना कई लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। खासतौर से जिन लोगों के चश्मे का नंबर ज्यादा होता है, उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।लेजर आई सर्जरी के जरिए चश्मा आसानी से हटाया जा सकता है। यह क्या तकनीक है और कैसे इससे चश्मा हटाया जा सकता है। ये सभी बातें एक्सपर्ट से जान लेते हैं।
आज के जमाने में बेहद कम उम्र में लोगों की नजर कमजोर हो रही ह। इन दिनों छोटे-छोटे बच्चों को भी चश्मा लगाए हुए देखा जा सकता है। आईसाइट कम होने पर चश्मे का सहारा लिया जाता है. चश्मे की मदद से लोग अपनी जरूरत की चीजों को सही तरीके से देख पाते हैं। लंबे समय तक चश्मा लगाना काफी चैलेंजिंग भी होता है और लोग कई बार चश्मा घर भूल जाते हैं. ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार चश्मा टूट जाता है और दिक्कतें पैदा होने लगती हैं। दिनभर चश्मा लगाए रखने से कई लोग परेशान हो जाते हैं और चश्मा से छुटकारा पाना चाहते हैं। इसके लिए वर्तमान समय में कई तकनीक मौजूद हैं। इन तकनीक की मदद से महज कुछ मिनट में चश्मे से छुटकारा पाया जा सकता है। आज आई स्पेशलिस्ट से जानेंगे कि किन तरीकों से चश्मा हटाया जा सकता है और कैसे ये तकनीक विजन को ठीक करती हैं।
लेजर से पहले की जाती है स्क्रीनिंग
डॉ. तुषार ग्रोवर कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की आई सर्जरी कर चश्मा हटाने से पहले एक स्क्रीनिंग की जाती है. इसमें कॉर्निया की थिकनेस, कॉर्निया की शेप, कॉर्निया की मजबूती, आंखों की ड्राईनेस और रेटिना का टेस्ट होता है। इसमें पता लगाया जाता है कि क्या मरीज की सर्जरी की जा सकती है या नहीं। साथ ही सर्जरी के लिए कौन सी तकनीक इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा, यह भी स्क्रीनिंग के बाद ही पता चलता है. स्क्रीनिंग के बाद लोगों की कंडीशन के अनुसार तकनीक इस्तेमाल कर चश्मा हटाया जाता है।चश्मा हटाने की तीनों ही प्रक्रिया में 10 से 20 मिनट का वक्त लगता है. लेजर आई सर्जरी की तीनों ही तकनीक काफी सेफ होती हैं। चश्मा हटाने के बाद साइड इफेक्ट बहुत रेयर होते हैं।