सिक्किम में ग्लेशियर झील फटने से अचानक आई बाढ़ से 140 से अधिक लोग लापता हो गए हैं और करीब 26 लोगों की मौत हो गई है। NDRF की टीमें बचाव और राहत कार्य में लगी हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। आइए जानते हैं कि ग्लेशियर झील कैसे बनती है और इसमे विस्फोट कैसे होता है।
ग्लेशियर झील में विस्फोट होने के कारण सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में लगभग 26 लोगों की मौत हो गई और करीब 140 लोग लापता हो गए। एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों को तलाशने लिए सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। आइए जानते हैं कि ग्लेशियर झील कैसे बनती है और इसमें विस्फोट कैसे और क्यों होता है और फटने पर अचानक बाढ़ कैसे आ जाती है।
राज्य के उत्तर-पश्चिम में 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमनद झील लगातार बारिश के कारण नीचे की ओर अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण फट गई और बाढ़ आ गई।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में कई अध्ययनों ने ग्लेशियरों के पिघलने के कारण दक्षिण लोनाक झील के तेजी से बढ़ते आकार का जिक्र किया है और इसे हिमनद झील विस्फोट बाढ़ के लिए अतिसंवेदनशील के रूप में चिह्नित किया है।
कैसे होता है ग्लेशियर झील में विस्फोट?
ग्लेशियर लेक आउटबर्स्ट फ्लड ग्लेशियर के पिघलने से बनी झील से पानी का अचानक निकलना है. हालांकि दक्षिण लोनाक झील की तरह हिमालय में हिमनदी झीलें आम हैं, लेकिन जब वे अस्थिर बर्फ या ढीली चट्टान और मलबे से बनी तलछट से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो उनके बड़े होने पर खतरा पैदा हो जाता है. जब झीलों के चारों ओर की सीमा अतिरिक्त पानी का सामना नहीं कर पाती है, तो वे टूट जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में पानी पहाड़ों के किनारे से नीचे की ओर बहने लगता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ जाती है, जिसे ग्लेशियर झील विस्फोट कहा जाता है।
झील विस्फोट से ऐसे होती है तबाही
एक बार जब विस्फोट होता है, तो अधिक मात्रैा में पानी तेजी से घाटियों के माध्यम से नीचे की ओर आता है और नीचे आते ही विनाशकारी रुप ले लेता है. तेज गती से नीचे की ओर आता हु्आ पानी अपने साथ चट्टानें और मलबा भी ले आता है, जिससे नीचे की बसे गांव में तबाही आ जाती है और बुनियादी ढांचा नष्ट हो जाता है।
कैसे बनती है ग्लेशियर झील?
दुनिया भर में बढ़ते तापमान के साथ, हिमालय में ग्लेशियरों का पिघलना एक सामान्य घटना है, जो सिक्किम में भी देखा गया है।पिघलते ग्लेशियरों ने कई ग्लेशियर झीलों को जन्म दिया है और इस कारण क्षेत्र में पहले से मौजूद झीलों का विस्तार हो गया है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार सिक्किम हिमालय में 300 से अधिक हिमनद झीलें हैं, जिनमें से दक्षिण लोनक झील सहित 10 को बाढ़ के प्रति संवेदनशील माना गया है।