महिला आरक्षण बिल के संसद में पास होने के बाद भी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. विवाद की बड़ी वजह ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं होना है. इसके लिए बीजेपी के अंदर ही बड़ी नाराजगी देखी जा रही है, और यह उसके लिए समस्या पैदा कर सकती है.
महिला आरक्षण बिल में ओबीसी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने पर उमा भारती बेहद नाराज चल रही हैं.
OBC को आरक्षण नहीं देने पर बड़ा एतराज
महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी कोटे की मांग को लेकर उमा भारती ने सख्त तेवर अपना रखा है. बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही उमा भारती ने ओबीसी की मांग को उठा दी थी और अब तो खुलकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. उन्होंने कहा है कि बिना ओबीसी कोटा फिक्स किए महिला आरक्षण को पास कर दिया तो मुझे बहुत तकलीफ हुई. मैं हमेशा इसी बात को लेकर बिल का विरोध करती रही हूं. देवगौड़ा से लेकर अटल सरकार और यूपीए सरकार तक में ओबीसी की बात को उठाती रही हूं. मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए भी मैंने ओबीसी के बिना महिला आरक्षण लाने का एतराज जताया था.
बढ़ सकती है BJP की सियासी टेंशन
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच उमा भारती ने जिस तरह से ओबीसी का मुद्दा उठाया है, उससे बीजेपी के लिए सियासी टेंशन बढ़ सकती है. एमपी में बीजेपी की लगातार जीत के पीछे ओबीसी वोटर की अहम भूमिका रही है. सूबे में करीब 50 फीसदी से ज्यादा ओबीसी समुदाय के मतदाता हैं, जो पहले से ही राज्य में मिल रहे अपने 14 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 27 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं. कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने का फैसला भी किया, लेकिन कानूनी पेच में फंस गया है.