Bihar Caste Census Survey: बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के साथ ही हिस्सेदारी और भागीदारी की सियासत जारी है। इसको लेकर जहां विभिन्न जातियां मुखर हो रही हैं, तो भाजपा के एक विधायक ने इसे नया मोड़ देते हुए हिंदुओं को सबसे बड़ी जाति बताया है और बिहार को हिंदू राज्य घोषित करने की मांग की है।
भाजपा विधायक हरिभूषण सिंह ठाकुर बचौल। सौजन्य से News 18
पटना. बिहार में जातीय जनगणना सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद से इसको लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसमें मुख्यत: अलग-अलग जातियों की संख्या घटाने और बढ़ाने को लेकर नीतीश सरकार को घेरा जा रहा है। जारी सियासत के बीच जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात जोर-शोर से उठाई जा रही है। भाजपा के नेता भी लगातार इसको लेकर मुखर हैं. लेकिन, इसके बीच भाजपा के एक विधायक ने इस पूरे मामले को नया सियासी मोड़ देने की कोशिश की है और नये एंगल से हिस्सेदारी और भागीदारी की मांग उठा दी है।
जातीय आंकड़े पर भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने बड़ा बयान देते हुए कहा, जातिगत जनगणना आंकड़े में बिहार में 82 फीसदी हिंदुओं की संख्या है, इसलिए बिहार को हिंदू राज्य घोषित किया जाए। बिहार में हिंदुओं का बोलबाला होना चाहिए। अगर लोग सतर्क नहीं रहे तो जाति नाम की चीज नहीं बचेगी।बचौल ने कहा कि मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ी है इसे देखना होगा। कहां गया जनसंख्या कंट्रोल और स्वास्थ्य योजनाएं?
नीतीश ने अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी-रुडी
वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जातीय जनगणना सर्वे रिपोर्ट को फर्जीवाड़ा करार देते कहा कि हमारे यहां जाति पूछने कोई नहीं आया. न भागलपुर, न पटना और न ही बक्सर में कोई आया. कुछ अधिकारियों ने बैठकर जातीय आंकड़े बना दिये हैं। नीतीश कुमार का जहरीला दांत डंसने को तैयार है।अगर हिंदुओं पर आंच आयी तो देश खत्म हो जाएगा. हिंदुओं को बचाना जरूरी है तभी देश बचेगा। इस बीच भाजपा के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है, क्योंकि जातीय आंकड़े पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बिहार के धार्मिक व जातिगत आंकड़ों पर डालें नजर
बता दें कि प्रदेश में हिंदू – 81.99%, मुस्लिम- 17.70%, ईसाई-.05%, सिख- .01% और बौद्ध-.08% हैं. जबकि, हुंदू समुदाय में वर्ग के हिसाब से देखा जाए तो पिछड़ा वर्ग-27.12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग-36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति-19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति-1.68 प्रतिशत और सामान्य वर्ग की 15.52 प्रतिशत आबादी है। वहीं जातियों के लिहाज से देखें तो यादव – 14.26 %, कुशवाहा – 4.27, मोची,चमार,रविदास- 5.2%, ब्राह्मण- 3.67%,राजपूत- 3.45%, मुसहर- 3.08%, भूमिहार- 2.89%, कुरमी- 2.87%, तेली- 2.81%, मल्लाह 2.60%, कुम्हार- 1.4%, बढ़ई- 1.4%, पासी- 0.9%, धोबी- 0.8%, सोनार-0.68% और कायस्थ की आबादी 0.60% है।