परिचय: भारत और कनाडा के बीच के रिश्ते का विषय बड़े महत्वपूर्ण है। ये दो देश भिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, और गुजरने वाले समय के बावजूद एक-दूसरे के साथ आगे बढ़ने में सक्षम हैं। इन दोनों देशों के बीच विपणन, प्रौद्योगिकी विनिमय, और विज्ञान में सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण संबंध हैं। इसके अलावा, ये दोनों देश विश्व मामलों में भी साझा दृढ आवाज बुलंद करने में जुटे हुए हैं। यहां तक कि व्यक्तिगत स्तर पर भी, बहुत सारे भारतीय और कनाडियन नागरिक एक-दूसरे के बीच के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को समझने और आपसी समरसता को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं। इसलिए, भारत और कनाडा के रिश्तों का यह संबंध दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है और आगे भी और गहरा हो सकता है।
India- Canada Trade Ties: भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास आ रही है. कनाडा ने भारतीय राजनायिक को निष्कासित कर दिया है. वहीं, भारत ने भी जवाब में नई दिल्ली स्थित कनाडाई हाई कमिशन को वापस भेज दिया है. दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का व्यापार है. ऐसे में माना जा रहा है कि तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों का असर दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश पर पड़ेगा. हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक भारत और कनाडा के बीच व्यापार और निवेश पर नहीं पड़ेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक संभावना नहीं है क्योंकि आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित होते हैं.
जी-20 के बाद लगातार भारत-कनाडा रिश्ते में आई खटास
इसी महीने के 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि भारत पहुंचे थे. हालांकि जी-20 सम्मेलन के खत्म होने के बाद से ही भारत और कनाडा रिश्ते में दूरी देखी जा रही है.
पीएम ट्रूडो जी-20 के बाद कनाडा लौटते ही,15 सितंबर को भारत के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोक दी थी.
भारत कनाडा का साल 2022 में दसवां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था. भारत ने साल 2022-23 में कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था और एक साल पहले यानी साल 2021-22 में 3.76 अरब डॉलर का निर्यात किया था. भारत में लगभग 600 कनाडाई कंपनियां भी काम कर रही हैं.
सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों के हाथ होने की आशंका जताई.
उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्ते अपने सबसे बुरे दौर में पहुँचते दिख रहे हैं.
दोनों देशों ने एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित किया और अब भी आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं.
इन सबके बीच भारत ने कनाडा में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह भी दी है.
दुनियाभर की नज़र इस ताज़ा घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं.
ऐसे में कनाडा में रहने वाले भारतीयों को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की जा रही है.
ख़ास तौर पर भारतीय छात्रों के लिए, जो कनाडा के अलग-अलग राज्यों में उच्च शिक्षा पाने के इरादे से रह रहे हैं और वो जो अब कनाडा के वर्कफोर्स का सक्रिय हिस्सा बन चुके हैं.
सवाल किया जा रहा है कि भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्तों से वहाँ रहने वाले इन भारतीयों पर क्या असर देखने को मिलेगा?
कनाडा में रहने वाले भारतीयों में एक बड़ा हिस्सा छात्रों का है. ऐसे भी छात्र हैं जो आने वाले समय में वहां जाने की योजना बना रहे हैं.
लाइवमिंट ने कुछ एक्सपर्ट्स के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि फ़िलहाल कनाडा में रह रहे भारतीय या भारत के छात्रों पर बदलते हालात का कोई बड़ा असर पड़ता नहीं दिख रहा.
इसके पीछे तर्क दिया गया है कि फ़िलहाल कनाडा प्रशासन या इमिग्रेशन सर्विसेज़ की ओर से ऐसा कोई अपडेट नहीं आया, जो भारतीय प्रवासियों के लिए चिंता का कारण बने.
भारत और कैनाडा के बिगड़ते रिश्तों के बारे में यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ये रिश्ते सालों से विकसित हो रहे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियों का सामना भी कर रहे हैं। व्यापार, शिक्षा, और वैज्ञानिक अनुबंध जैसे क्षेत्रों में भारत और कैनाडा के बीच सहयोग बढ़ रहा है, लेकिन वीजा प्रक्रिया और विमान यातायात की समस्याएँ भी आई हैं। इसके बावजूद, साथियों के बीच एक मजबूत डायसपोरा है और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के मामले में भी एक-दूसरे के साथ बढ़ रहे हैं। इसलिए, बिगड़ते रिश्तों के बावजूद, ये दो देश एक-दूसरे के साथ गहरे संबंध बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं।