दुनिया में हर साल 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस मनाया जाता है। जिसका मकसद म्यूजिक के जरिए सद्भाव और शांति को बढ़ावा देना है। म्यूजिक हमारे तन और मन को हेल्दी एंड एक्टिव रखने का काम करता है। आइए जानते हैं एक्सरसाइज करने के दौरान म्यूजिक सुनने में मिलते हैं क्या फायदे।
अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह पहली बार 1975 में मनाया गया था। अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस दुनिया भर में मौजूद कल्चर के पॉपुलर म्यूजिक और अन्य दूसरे प्रकार की म्यूज़िक आर्ट का जश्न मनाने का दिन है। इसका एक और मकसद म्यूजिक के जरिए दुनिया की अलग-अलग संस्कृतियों के बीच शांति और सद्बाव को भी बढ़ाना है।
म्यूजि़क सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि ये एक तरह की थेरेपी की तरह है। खुश होने पर लोग अलग तरह की म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं और दुखी होने पर अलग। म्यूजिक स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को भी कम करता है। कुछ लोग तो काम पर फोकस ही तभी कर पाते हैं जब कानों में हल्की-हल्की म्यूजिक बजती रहे। रेस्टोरेंट, मॉल में बजने वाले धीमे मधुर संगीत शायद ही किसी को डिस्टर्ब करने का काम करते हैं। तो अगर इसे तन और मन के लिए एक बेहतरीन थेरेपी कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। आपने देखा होगा अब योग व मेडिटेशन सेंटर्स, मसाज में और यहां तक की जिम में भी फोकस, रिलैक्स करने और स्टेमिना, स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए म्यूजिक का सहारा लिया जाने लगा है। संगीत सुनने और किसी तरह का इंस्ट्रमेंट बजाने से शरीर से इम्युनोग्लोबुलिन ए एंटीबॉडी और नेचुरल किलर सेल्स का प्रोडक्शन ज्यादा मात्रा में होता है। जो बाहर के हानिकारक बैक्टीरिया व वायरस से लड़ने का काम करते हैं और हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।
वर्कआउट या एक्सरसाइज के दौरान म्यूजिक का रोल बहुत ही खास है। जी हां, इसके कई सारे फायदे देखे गए हैं। म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने से आप ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक रहते हैं और थोड़ी एक्स्ट्रा एक्सरसाइज कर पाते हैं।
म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने से नहीं होती थकान
आप गौर करेंगे तो देखेंगे कि म्यूजिक सुनते हुए किसी भी काम को करने में उतनी थकान नहीं महसूस होती है जितना बिना म्यूजिक के काम करने पर होती है, तो ऐसा ही वर्कआउट के दौरान भी होता है। बेशक थकान होती है लेकिन इसका एहसास नहीं होता।
मूड रहता है अच्छा
म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने से मूड अच्छा रहता है। आप ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक फील करते हैं। अच्छा-खासा वर्कआउट करने के बाद और भी दूसरे काम करने की स्टैमिना बनी रहती है।