चंद्रयान-3 एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है जो चंद्रमा की खोज और अध्ययन को लक्ष्य बनाता है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो (ISRO), द्वारा निर्वाचित और प्रबंधित किया गया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के सतह पर गवाना चढ़ने का प्रयास करना है और वहां से वैज्ञानिक और वैशिष्ट्यपूर्ण डेटा जुटाना है। यह चंद्रयान मिशन का तीसरा चरण है, और यह भारतीय अंतरिक्ष गड़बड़ की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।चंद्रयान-3 एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है जो चंद्रमा की खोज और अध्ययन को लक्ष्य बनाता है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो (ISRO), द्वारा निर्वाचित और प्रबंधित किया गया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के सतह पर गवाना चढ़ने का प्रयास करना है और वहां से वैज्ञानिक और वैशिष्ट्यपूर्ण डेटा जुटाना है। यह चंद्रयान मिशन का तीसरा चरण है, और यह भारतीय अंतरिक्ष गड़बड़ की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर 23 अगस्त को सफल लैंडिंग होने के बाद लैंडर और रोवर लगातार इसरो को जानकारी भेजने के लिए काम कर रहे हैं। इसरो चंद्र मिशन की हर हरकत पर नजर बनाए हुए है और चंद्रयान-3 मिशन के दूसरे चरण के लिए तैयारी कर रहा है। इस बीच विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के लिए आज यानी 22 सितंबर का दिन बेहद खास है।
आज लैंडर और रोवर को फिर जगाने की कोशिश करेगा ISRO
इसरो चंद्र मिशन की हर हरकत पर नजर बनाए हुए है और चंद्रयान-3 मिशन के दूसरे चरण के लिए तैयारी कर रहा है। इस बीच विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के लिए आज यानी 22 सितंबर का दिन बेहद खास है।
दरअसल, चंद्रमा के साउथ पोल पर आज एक बार फिर से सूर्योदय होगा। सूर्योदय के चलते इसरो चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर एक बार फिर ‘जगाने’ की कोशिश करेगा। सूर्योदय को देखते हुए इसरो के वैज्ञानिकों ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। चांद के शिव शक्ति प्वाइंट पर सूर्योदय होने के साथ ही शुक्रवार को लैंडर और रोवर को एक बार फिर एक्टिव करने की कोशिश की जाएगी।
हर कोई चंद्रमा पर तापमान बढ़ने का इंतजार कर रहा है-
विक्रम लैंडर के जागने की संभावनाओं पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन से जुड़ा हर कोई चंद्रमा पर तापमान बढ़ने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, "जैसे ही तापमान शून्य से 10 डिग्री ऊपर जाएगा, एक वेक-अप कॉल जाएगी और विक्रम और प्रज्ञान अपनी नींद से उठ जाएंगे।"
विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा था और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया था।