22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है।इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल नहीं होंगे।कांग्रेस पार्टी ने धर्म को निजी मामला बताते हुए इस न्योते को ठुकरा दिया है।
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि अधूरे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे। ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को स्वीकार नहीं कर कांग्रेस ने एक नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस ने बीजेपी पर राम मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है।कांग्रेस पार्टी ने इसे आरएसएस-बीजेपी का इवेंट बताया है।
आइए जानते हैं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के न्योते पर कांग्रेस के नेताओं ने क्या क्या कहा?
क्या बोले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह
राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि भगवान राम हम सबके हैं।धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं होना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि जिस राम लला की मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वो मूर्ति कहां है? वहीं, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव जीतने के लिए राम मंदिर पर राजनीति हो रही है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कांग्रेस राम विरोधी नहीं है।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं। कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है. इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है। निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जिन्होंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है।
इस प्रकार कांग्रेस ने धर्म को निजी मामला बताते हुए इस न्योते को ठुकराया।इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल नहीं होंगे।कांग्रेस पार्टी ने धर्म को निजी मामला बताते हुए इस न्योते को ठुकरा दिया है। बीजेपी ने इस समारोह को आरएसएस और बीजेपी का कार्यक्रम बताया है।कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं।