कुलदीप यादव की कहानी, जो एक दिसंबर 2022 के टेस्ट मैच के बाद से शुरू होती है, दिखती है कि कैसे एक खिलाड़ी को मैदान से दूर रखा गया और फिर उसका समर्थन उसे वापस मैदान में लाने का कठिन सफर।
दिसंबर 2022 में, कुलदीप ने अपना आखिरी टेस्ट खेला था, और वह बांग्लादेश के खिलाफ इस मैच में हीरो बने थे। एक पारी में 5 विकेट लेते हुए उन्होंने मैच में 8 विकेट झटके, जिससे भारत को जीत मिली। इसके बावजूद, उन्हें बारिश और विभिन्न कारणों से साल 2023 में कोई टेस्ट मैच नहीं खेलने का मौका दिया गया।
इस अवकाश के बाद, उन्हें 2024 के नए साल के साथ एक नई उम्मीद की किरण मिली। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में, हैदराबाद में हुए पहले टेस्ट मैच में हार के बावजूद, कुलदीप की चर्चा पूरी टीम में हो रही थी।
लेकिन हैदराबाद के बदले का सफर विशाखापट्टनम में होने जा रहा है, और यहां उन्हें एक और मौका मिलेगा अपने कौशल को साबित करने का। 13 महीने के इंतजार के बाद, इस टेस्ट मैच में खेलकर कुलदीप यादव दिख सकते हैं, जो नहीं सिर्फ अपने खेल कौशल के लिए बल्कि टीम इंडिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हैं।
इसके बावजूद, उनकी चुनौतीयों के बारे में चर्चा हो रही है। इंजरी ने भी मुश्किलें बढ़ाने में भरपूर योगदान दिया है, लेकिन रोहित शर्मा और कंपनी इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने का मंसूबा बना रहे हैं।
विशाखापट्टनम में होने वाले इस मैच में, कुलदीप यादव को एक बड़ा मौका मिलेगा अपने प्रतिष्ठानुसार खेलने का। उनकी बेताबी और इंतजार का समापन होगा, और वह यहां दिखा सकते हैं कि कैसे वह 13 महीनों के बाद भी उसी ऊंचाइयों पर खड़े हो सकते हैं, जो उन्हें मैदान का अभिनय करने के लिए सबसे अच्छा बनाते हैं।