इस पुस्तक में दी गईं सभी कहानियां सत्य घटनाओं पर आधारित है। यह कहानियां पाठक के हृदय पर एक अमिट छाप अवश्य चिन्हित करेंगी। छोटा जादूगर, टुलु की प्रेमकथा, रेवती की खुद्दारी, संवाद, पतंग सिर्फ खेल नहीं आदि कहानियां प्रेरणाप्रद हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्
संसार ने रावण को एक दैत्य के रूप में तो जाना है,पर इस पुस्तक के द्वारा परम शिवभक्त,परम पांडित्य ज्ञाता ,लंकेश ,रावण को एक भिन्न दृष्टि से देखकर अपनी बुद्धि अनुसार लिखने का प्रयास किया हैं। जय श्री राम ॐ नमः शिवाय
"मेरे बचपन का काफी समय मध्य प्रदेश के दूरदराज कस्बों गांवों में बीता क्योंकि तब मेरे पापा पुलिस विभाग में थानेदार थे। वे उनमें से थे जिनका ज़मीर सदा भरपूर जीवित रहा। इमानदारी व सच्चाई उनके खून में बहती थीं। इसलिए मेरे पास बचपन की याद के तौर पर रहस्य
प्रिय पाठको हमारी पुस्तक 'मन कि मुंडेर पर', एक काव्य संग्रह है। जिसमें मन कि मुंडेर पर समेत अन्य कवितायें भी हैं। मन कि मुंडेर पर काव्य संग्रह में किसी मात्रा या मीटर की कोई पाबन्दी नहीं है। इसमें सिर्फ मेरे अन्तर मन में आईं हुयीं बातों को काव्य का र
मैने अपनी इस पुस्तक में हमारी जिन्दगी के कई मोड़ो पर कविताएं लिखने की कोशिश की है।
अक्सर ऐसा होता है कि जो हम चाहते हैं वह नहीं होता फिर भी हमें स्वीकार करते हुए संतुष्ट होना रहता है, हालांकि यह मन की चाहत नहीं होती है फिर भी अनेक बंदिशों के कारण स्वीकारना होता है।कभी समाज के लिये तो कभी अपनों के लिये।मन में लिये अपनी खुशी के लिये
कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त
हाइवे पर एक फार्चून गाड़ी फुल स्पीड में चल रहा था उसमे बैठे पति पत्नी बहुत एक्साइटेड थे क्योंकि आज उनकी फस्ट एनिवर्सरी जो था। सोहन और गीता अपने एनिवर्सरी मनाने के लिए गीता के मायके जा रहे थे, गीता के परिवार के बहुत आग्रह करने पर सोहन ना नहीं कर सका,
विविध रंगों से भरे इस जीवन में अनेक ऐसी संभावनाएँ हैं जहाँ सकारात्मक सोच कर जीवन को सुगम और सरल बना सकते हैं स्वच्छ और पवित्र भावनाओं का केंद्र बिंदु जहाँ प्रेम कर्त्तव्य की वेदी से होकर रूह में समाहित हो समर्पित हो रहा है इस उपन्यास "अगर तुम ना होते
स्वाद का हर व्यक्ति दिवाना होता है। स्वाद मीठा किसी को पसंद होता है तो किसी को कड़वा तो किसी को चटपटा तो किसी को खट्टा आदि। कोई दक्षिण भारतीय व्यंजनों का दिवाना होता है तो कोई गुजराती ढोकले का।सबका पसंद अलग-अलग होता है लेकिन भोजन बिना हर जीवन बेकार ह
मन के कुछ एहसास हैं , जो बहुत ही खास हैं । मोती पिरोए अक्षरों के मैंने , जो मेरे दिल के पास हैं । भावनाओ के सागर में बहते , आप भी मेरे साथ हैं । खो जाते इन लहरों में आपके भी जज़बाद हैं ।
वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे
योग आसन के बारे में जानकारी योग आसन विधि और लाभ कब करना चाहिए और कब नहीं योग अपनाएं और अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाइए योग करेगा सबका उपचार : जानिए किस बीमारी में कौन सा आसन करे
"प्रथम प्रयास" असम प्रांत की अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की बहनों का "प्रथम साझा काव्य संकलन" है। इस संकलन की रचनाओं में सभी बहनों ने अपने हृदय-उद्गार उड़ेल कर रख दिए हैं।नारी सृष्टि का एक अनमोल उपहार है। समाज का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। स
सोने की चिड़िया था कभी , उन्मुक्त हवाओं का था बसेरा , नारी की जहाँ होती थी पूजा , ऐसी पावन भूमि का देश था मेरा ! हम तन से तो आज़ाद हुए है , पर मन और विचारों से अब भी है गुलाम ! जब यहाँ मानवता , भाईचारा और सौहार्द्र होगा , जब नारी का यहाँ सम्मान ह
शब्दों को अर्थपूर्ण ढंग से सहेजना।उनकी बोल को लोगों तक पहुचाना।
कुछ अनकहे से एहसास.. दिल से दिल तक ❤️
ये कहानी है कृषिव चंद्रवंशी और राभ्या की ,, उनकी जिंदगी की उतार चढ़ाव की ,, कृषिव के टूटे हुए अस्तित्व की ,, राभ्या के प्यार की,, किस तरह राभ्या कृषिव को किस तरह वापस सही रास्ते पर लाई उसे फिर से एक अच्छा इंसान बनाया ,, कैसे उस अय्याश के दिल में अपने
श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...