मेरी कलम से... मेरे मन के शब्दों की भाषा सुनने दो मेरे मन को। शब्दों को करने दो बात आपस में, उन्हें खुलकर जीने दो। सुनो ध्यान से ,क्या कहते हैं शब्द? दिल की गहराईयों में जाकर, चुपके से सबको अपना बनाते ये शब्द। अहसासो का आँचल थामें धीरे से आगे बढ़ते
जल,जन और जीवन.... जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। बीते कुछ सालों से जल संकट बहुत तेजी से देखने को मिला है। कहने को तो हमारे पृथ्वी पर स्थल भाग का लगभग एक तिहाई जल है किन्तु पीने योग्य जल बहुत ही कम
हमारे जीवन में अनेक ऐसी घटनायें होती हैं जिनका अर्थ हम नहीं निकाल पाते ! यह जीवन हमें परमात्मा ने दिया है ! वह परमात्मा हमको कभी भी अकेला नहीं छोड़ता , ईश्वर की अनुभूति हमें कैसी होती है यह हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है
"भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे है
महाभारत के योद्धा में भारतीय मिथकों के सुपरिचित विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक ने ‘महाभारत’ को एक बिल्कुल नई प्रस्तुति दी है। ‘महाभारत’ एक विशाल महाकाव्य है जो प्राचीन काल से हमारे देश के कोने-कोने में आज तक लोकप्रिय है। मूल कथा है पाँच पांडव और सौ कौरवों
ये किताब इसमें कुछ कही और अनकही बातें जो दिल में रहती है पर कहना कितना मुश्किल होता है न तो बातें कुछ अनकही को क्यों न शब्दों में पिरो कर उन्हें कह दें तो कितना अच्छा लगता है न और वही कविता और शयरी में अगर शब्द ढल जाते हैं तो दिल की अनकही बातें कितन
‘उमरावनगर में कुछ दिन’ श्रीलाल शुक्ल की प्रस्तुत पुस्तक में तीन व्यंग्य कथाएँ सम्मिलित हैं—‘उमरावनगर में कुछ दिन’, ‘कुन्ती देवी का झोला’ और ‘मम्मीजी का गधा’। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, संग्रह की आधार-कथा है : ‘उमराव नगर में कुछ दिन’ उमराव नगर यानी एक
हम सब ने ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं और आज भी देख रहे हैं पर मुश्किलों से भरा खूबसूरत सफ़र निरंतर चल रहा है और रोचक दृश्य और गंभीर भावना के "रस" की हर अंदाज़ से भरा हुआ है इसकी पहली "तस्वीर" है जो हम सबकी ज़िंदगी का ऐसा आईना है जो निरंतर
प्रलय के बीच' निश्चित रूप से एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कई वर्षों के बाद भी नई पीढ़ी को इस विनाशकारी घटना के बारे में एक प्रामाणिक जानकारी देता रहेगा। यह एक बहुत ही अजीबोगरीब उपन्यास में लिखा गया है जो डायरी, नवीनीकरण और रिपोर्ताज लेखन की श